आदित्यनाथ योगी मोदी को पछाड़ प्रधानमंत्री बनने के फेर में
जयपुर।
उत्तर प्रदेश में एनआरसी और सीएए के विरोध में लोग सड़कों पर उतर गए और तीव्र प्रदर्शन किया। तीव्र प्रदर्शन किया। अपनी मांगे और काले कानून के विरोध में उतरे लोगों पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने डायरेक्ट गोली चलाई नतीजन लखनऊ सहित अन्य शहरों में दर्जन मुस्लिम वर्ग के व्यक्ति मारे गए। व्यक्ति मारे गए। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने दर्जनों मौत होने के बाद भी कहा था कि प्रदर्शनकारियों के चेहरे कैमरों में देखकर उनसे तोड़फोड़ में हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। भारत के इतिहास में कोई मुख्यमंत्री अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शनकारियों पर डायरेक्ट गोली चलवा रहा है, यह पहली बार हो रहा है। इसके प्रधानमंत्री बनने के पीछे माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी अपनी छवि कट्ठर हिन्दू छवि बनाकर भाजपा के शीर्ष पर पहुंचना चाहते हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके समर्थक हिन्दू सम्राट मानते हैं और उसके बाद गृहमंत्री अमित शाह का दूसरा नम्बर आता है। यदि भाजपा फिर से सत्ता में आती है तो योगी का प्रधानमंत्री बनने में नम्बर नहीं आने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी 2002 में हुई घटना के बाद कट्टर हिन्दू छवि बनाए हुए है। मोदी की बराबरी फेर में या उससे ज्यादा करने की लालसा उनको प्रधानमंत्री बनवा सकती है। यही कारण है कि शांतिपूर्वक किए जा रहे प्रदर्शनो पर भी मुख्यमंत्री योगी की पुलिस किसी न किसी बहाने कार्यवाही करने से नहीं चूक रही है। योगी की यह सोच उनको प्रधानमंत्री बनवा पाएगी या प्रधानमंत्री भी नहीं रहने देंगी यह आगामी चुनाव में पता चल पाएगा। यदि मुख्यमंत्री योगी उत्तरप्रदेश में सभी के लिए यह कानून बनाएं और कार्यवाही करें तो अच्छी बात है कि प्रदर्शनकारी नुकसान की भरपाई करें। यदि यह कार्यवाही केवल मुस्लिम वर्ग तक सीमित रखते हैं तो यही माना जाएगा की योगी ऐसी भड़काऊ कार्यवाही करके अपनी कट्टर छवि बनाने के फेर में लगे हुए हैं।