भाजपा शासित राज्यों में सीएए, एनआरसी का विरोध करने वालों पर पुलिस की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई


  • उत्तर प्रदेश में सीएए और एनआरसी के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर बेवजह डंडे, पत्थर एवं गाड़ियां तोड़ने के वीडियो वायरल हो रहे हैं

  • योगी सरकार सख्ती के नाम पर गैर संवैधानिक कार्यवाही करने पर उतारू है 

  • दिल्ली पलिस की जामिया-मिलिया यनिवर्सिटी एवं जेएनयू के छात्रों पर बर्बरता किसी से छिपी नहीं है. कर्नाटक सरकार ने आन्दोलन को जबर्दस्ती दबाने की कोशिश की


 जयपुर।


               


               


पूरे भारत देश में एनआरसी, सीएए एवं एनपीआर (नेशनल पॉपूलेशन रजिस्टर) के विरोध में करोड़ों लोग सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं और इन काले विभाजनकारी कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। देश के विभिन्न शहरों में लाखों लोग विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हैं। जयपुर शहर में 22 दिसम्बर को करीब पांच लाख लोगों ने संविधान बचाओ रैली में भाग लिया, बावजूद इसके शांति एवं सद्भाव बना रहा। इसी प्रकार मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू एवं पश्चिमी बंगाल में संविधान बचाने एवं एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में लाखों लोगों ने प्रदर्शन किए लेकिन कहीं से हिंसा की सूचनाएं नहीं आई। दूसरी तरफ भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश, गुजरात एवं केन्द्र सरकार के अधीन दिल्ली पुलिस के वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनसे पता चलता है कि पुलिस एवं सुरक्षाबलों की बर्बरता ने अंग्रेज पलिस के अत्याचारों को पीछे छोड़ दिया। मसलमानों की भीड़ को पुलिस ने टारगेट करके सीधी गोलियां चलाई और बाद में झूठे मुकदमे लगाकर गिरफ्तारियां की गई। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ पुलिस ने जो अत्याचार किया घोर निंदनीय माना जा रहा है। इसी तरह जामिया मिलिया और जेएनयू के छात्रों एवं छात्राओं पर दिल्ली पुलिस की गैर कानूनी कार्रवाईयों की आलोचना चारों तरफ हो रही है। भाजपा राज्यों में पुलिस वाले एक पक्षीय कार्यवाही कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूर्व आईपीएस धारापुरी की तबीयत पूछने जा रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी के साथ धक्का-मक्की की। प्रियंका गांधी का तो गला भी महिला पलिस अधिकारी ने दबाया। 


              उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदर्शनकारियों से सरकारी नुकसान की भरपाई करने की भी नी कार्यवाही शुरु कर रखी है जो देश के इतिहास में पहली बार हो रहा है। क्या योगी सरकार सभी प्रदर्शनकारियों से जो मुस्लिम नहीं है, नुकसान की भरपाई करेगी। इसी तरह कर्नाटक की भाजपा सरकार ने प्रदर्शनों को जोर जबर्दस्ती करने की कोशिश की। देश में हो रहे तीव्र विरोध को देखते हुए भाजपा की केन्द्र सरकार एवं भाजपा शासित सरकारें बैचेन हो रही है। क्योंकि आर्थिक मंदी के कारण देश की जनता में बढ़ रहे आक्रोश से बचने के लिए सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर जैसे कानून लाए गए आर ध्रुवाकरण का गम खला गया। लेकिन मुसलमानों से ज्यादा हिन्दू समुदाय ने देश के लिए विभाजनकारी कानूनों का ज्यादा विरोध किया।


 


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