धार्मिक भावनाओं को भडका रही भाजपा, सीएए स्वीकार नहीं
मुस्लिम संगठनों सहित अन्य संगठनों ने किया जिला कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन
उदयपुर।
केन्द्र की भाजपा नीत सरकार देश में धार्मिक भावनाओं को भडका रही है। हिन्दू-मुस्लिम में भेदभाव करने वाला नागरिका संशोधन अधिनियम लाकर वह देश के नागरिकों में कटुता बढ़ाना चाहती है। इसका मुस्लिम समुदाय ही नहीं, हिन्दू समुदाय के भी समझदार लोग विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार को यह अधिनियम वापस लेना होगायह बात विभिन्न मुस्लिम संगठनों के वक्ताओं ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जिला कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन के दौरान कही। वक्ताओं ने कहा कि देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। देश की जनता बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रही है। केन्द्र सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए देश का माहौल बिगाडने में लगी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भारत के संविधान की भावना से विपरीत जाकर फैसला कर रहे हैं। सीएए देश की सर्वधर्म समभाव की भावनाओं के विपरीत है। भारत के लोग अमन प्रेमी है। चौपट होती अर्थव्यवस्था से नौजवान, किसान और मजदूर बेरोजगारी से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं। महंगाई सातवें आसमान पर है। केन्द्र सरकार लोगों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है। भारत में अराजकता का माहौल हो गया है। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हिन्दू-मुस्लिम- सिक्ख-ईसाई सभी पढ़ते हैंवहां के हॉस्टलों में सभी धर्म के छात्र-छात्राएं रहते हैं। ऐसे में पुलिस का विश्वविद्यालय में घुसकर छात्रों पर बल प्रयोग गलत है। यह लोकतंत्र का अपमान है। लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है। अमेरिका में भी कई धर्म के लोग रहते हैं, इन 70 वर्षों में भारत ने जो तरक्की की है उसका मुख्य कारण भारत के संविधान में सभी धर्मों को समान अधिकार दिया जाना मुस्लिम महासंघ के प्रवक्ता मोहम्मद छोटू कुरैशी ने बताया कि मुस्लिम महासंघ के बैनर तले हुए इस विरोध प्रदर्शन में अंजुमन तलीमुल इस्लाम, नौजवान मेवाफरोशान सोसायटी, मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी, मुस्लिम महासभा, एकता कमेटी, मुस्लिम लाइफ केयर आदि संस्थाओं के पदाधिकारी, प्रतिनिधि, सदस्य, युवा, बुजुर्ग आदि शामिल थेप्रदर्शन के दौरान अंजुमन के सदर मोहम्मद खलील, मौलाना सोबदार आलम सिद्दीकी, मुस्लिम महासंघ के संस्थापक हाजी मोहम्मद बख्श, प्रदेश अध्यक्ष केआर सिद्दीकी, प्रदेश संयोजन आदि ने संबोधित किया।