क्रांतिकारियों के शौर्य व वीरता ने मुल्क में गंगा जमुनी तहजीब का अनूठा सन्देश दिया - मौलाना मीर मोहम्मद

शहादत दिवस पर शहीदों के सम्मान में रखा दो मिनट का मौन, अशफाक उल्ला खां, रामप्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्र सिंह लोहिड़ी व रोशन सिंह को किया याद



बाड़मेर। भारत को आजादी दिलाने और अंग्रेजी हुकूमत को खत्म करने में क्रांतिकारियों का महान योगदान रहा। शहीद असफाक उल्ला खान, शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशनसिंह, राजेन्द्र लाहिड़ी सहित कई गुमनाम शहीदों ने अंग्रेजो का प्रतिरोध करते हुए हिंदुस्तान मुल्क का मान सम्मान बढ़ाया। आजादी के मतवाले अशफाक उल्ला खान, रामप्रसाद बिस्मिल और ठाकुर रोशनसिंह की दोस्ती बेमिशाल थी। इनके शौर्य और वीरता ने इस मुल्क में गंगा- जमूनी तहजीब का अनुठा संदेश दिया जो नोजवानो के लिए बेहद प्रेरणादायी है। यहां के युवाओं को इन्हें मार्गदर्शक मानकर मुल्क के निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। इस तरह के आयोजन हमारी युवा पीढ़ी में मुल्क के प्रति मोहब्बत का जज्बा पैदा करते है। यह बात खदीतुल कुबरा बालिका मदरसा के मौलाना मोमीन ब्रदर्स मंच आम मुस्लिम समाज द्वारा आयोजित शहादत दिवस के तहत आजादी के मतवाले कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कही। इस अवसर पर काकोरी कांड में शहीद हुए अशफाक उल्ला खां, रामप्रसाद बिस्मिल, राजेन्द्र सिंह व रोशन सिंह को उनकी पुण्य तिथि पर याद कर मोमीन । भाइयों द्वारा सलाम पेश किया गया। मोमीन ब्रदर्स मंच के संयोजक अबरार मोहम्मद ने बताया कि इस्लाम मुल्क से मोहब्बत का पैगाम देता है। युवाओं व बच्चों को हमारे मुल्क की आजादी के महान क्रांतिकारियों व शहीदों की शूरता और वीरता के इतिहास की जानकारी हो, शहीदों के प्रति सम्मान की भावना हो तथा वक्त पड़ने पर मुल्क के लिये मर मिटने का जज्बा हो। इसी उद्देश्य से युवाओं व बच्चों को प्रेरित करने के लिए शहादत दिवस पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। दारूल उलूम जियाउल मुस्तफा मदरसा के सदर ए मुदरिंश मौलाना मठार सिद्धिकी ने कहा कि वतन की मोहब्बत ईमान का आधा हिस्सा है। नबी के इस फरमान को ध्यान में रखते हुये अशफाक उल्ला खान ने मुल्क से मोहब्बत का परिचय देते हुये हंसते हंसते फांसी पर चढ़ गये। मौलाना मुख्तियार अशफाकी ने कहा कि क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, ठाकुर रोशनसिंह ने अपना सम्पूर्ण जीवन इस राष्ट्र के लिए कुर्बान कर दिया और अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर कर रख दिया। वर्तमान में ऐसे आदर्श क्रांतिकारियों के जीवन को हमारी युवा पीढ़ी में मुल्क के प्रति मोहब्बत को पैदा करने की जरूरत है। मौलाना दाउद खान ने अपने देश के महापुरुषों की जीवनी को जीवंत रखने के लिये एक लाईब्रेरी की जरूरत बताई। ताकि इन शहीदों के इतिहास को हमारी पीढ़ी पढ़ व समझकर राष्टहितार्थ योगदान दे सके। मुस्लिम इंतजामिया कमेटी के पूर्व सदर मोहम्मद मंजूर कुरैशी लिए जागरूकता अभियान की व समाजसेवी महादान सिंह राजपुरोहित ने कहा कि यह देश गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल के रूप में सदा याद किया जाता है। सभी युवाओं के दिलों में राष्ट्र सर्वोपरी की भावना विकसित हो। इसके लिए ऐसे कार्यक्रम बेहद जरूरी है।शहीद अशफाक उल्लाह खान लाईब्रेरी की घोषणा: इस अवसर पर जसनाथ एकेडमी स्कूल के प्रबंधक मोहम्मद रफीक ने शहीदों की जीवनी को जीवंत रखने व विद्यार्थियों में राष्ट्र प्रेम की भावना विकसित हो के लिए स्कूल में शहीद अशफाक उल्ला खां के नाम से लाईब्रेरी खोलने की घोषणा की। इस अवसर पर पूर्व अल्पसंख्यक अधिकारी लियाकत अली, हारून भाई कोटवाल, नायब सदर मोहम्मद रफीक कुरैशी, इनायत भाई नोहड़ी, शाह मोहम्मद सिपाही, गुलाम रसूल कोटवाल ने इस मुहिम को आगे भी जारी रखने का आग्रह किया। दो मिनट का मौन रख शहीदों को याद किया: इस अवसर पर तहजीबुल इख्लाक मदरसा के बच्चों, मोमीन भाइयों सहित उल्माएं किराम ने क्रांतिकारी अशफाक उल्लाह खान, शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, राजेन्द्र सिंह लोहिड़ी इत्यादि शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखकर खुदा की बारगाह में अमनों अमान, आपसी भाईचारा व देश की खुशहाली की दुआएं की गई। 


भंवर सिंह भाटी


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