नागरिकता कानून के खिलाफ हजारों की संख्या में मुस्लिम सड़कों पर उतरे
मोदी सरकार पर देश को गुमराह करने व धार्मिक आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया
टोंक।
भारतीय नागरिक कानून (एनआरसी), नागरिक संशोधित कानून (सीएए) और विरोध प्रदर्शन पर केन्द्र की भाजपा व राज्यों की भाजपा सरकार व पुलिस ज्यादतियों के विरोध में टोंक में मुस्लिमों ने हजारों की संख्या में ऐतिहासिक रैली निकाली। यह रैली नवाब साहब की नाल (कचेहरी) से शुरु होकर काफला बाजार, पांच बत्ती, सुभाष चौक से घंटाघर होते हुए पलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने, कॉलेज रोड स्थित ईदगाह त यार मैदान पहुंची।
रैली घंटों तक जारी रही। जब ईदगाह में रैली ने प्रवेश किया तो उसका अंतिम छोर सुभाष बाजार (दरबार स्कूल के पास) पर था। योनकों ने रैली में शामिल लोगों की तादाद जहां तीस से पैंतीस हजार मानी है। वहीं सीआईडी. पुलिस और प्रशासन ने 12 से 15 हजार मानी है। बहरहाल यह मौन रैली काफी सफल मानी जा रही है।
ईदगाह में आयोजित सभा में वक्ताओं ने इन काननों को धार्मिक आधार पर भेदभाव करने. संविधान को नुकसान पहुंचाने, सामदायिका एकता को नुकसान पहुंचाने व मस्लिम समदाय को परेशान करने वाला बताते हादसे भाजपा सरकार की बांटने की साजिश करार दिया। वक्ताओं ने कहा कि देश का मसलमान न डरा है न डरेगा। मुसलमान न डरा है न डरगा। रैली में मौलाना इस्लाहउद्दीन खिजर, मौलवी अतहर अली ने हर हाल में ज्यादती का अहिंसात्मक विरोध को जरूरी बताया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आत्माराम गोयल ने इस कानून और भाजपा सरकार की नीतियों को बांटने वाला बताते हुए सरकार की आलोचना की।
पापलुर फ्रट के मोहम्मद आसिफ ने इन कानूनों का विरोध करते हुए इसे जरूरी मुद्दों से ध्यान हटाने वाला बताया। इन्होंने भाजपा पर मुस्लिम समुदाय को परेशान करने और उसे उलझाए रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुसलमान सरकार या पुलिस के दमन का हर हाल में विरोध करेगा। सरताज अहमद ने मोदी सरकार द्वारा तलाक बिल, आपसी टकराव की नीति, एनआरसी व सीएए कानून लागू करने के नाम पर मुस्लिम वर्ग के खिलाफ माहौल मुस्लिम वर्ग के खिलाफ माहौल बनाने व वोट बैंक के आधार पर फैसले लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम कोई दस्तावेज नहीं देंगे।
सैयद बरकात हसीन ने मोदी सरकार पर देश को भ्रमित करने और मोदी व अमित शाह पर गमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन काननों के मामलों में गृहमंत्री व प्रधानमंत्री अलग-अलग बयान दे रहे हैं। उन्होंने जामिया व अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्रछात्राओं के साथ कैम्पस में घुसकर मारपीट, तोड़फोड करने, भयभीत करने व भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा दमन करने का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि अब देश ज्यादती व अकलियत विरोधी नीतियों के खिलाफ चुप नहीं रहेगा। कमलेश चावला व बनवारी बैरवा ने भी मोदी सरकार पर दलित व मुस्लिम विरोधी होने व देश में अपनी सरकार की नाकामी को छपाने के लिए गैर जरूरी फैसले लागू करने का आरोप लगाया।
नेशनल माइनोरिटी फोरम ऑफ इंडिया के सैयद मजहर आलम ने हर हाल में इनका विरोध करते हुए इसे रद्द करने की मांग रखी। मतीनल्लाह बैग ने कहा कि हम इसका विरोध करते हैं। इस मौके पर मंच पर कांग्रेस के युवा नेता सैयद सऊद सईदी, मेजर अनवर शाह, मोईन निजाम, मौलवी मोहम्मद सईद टोंकी, मुमताज राही, मोहम्मद सईट टोंकी अहसान खान, रामलाल सैलीवान, इकबाल हसन, हंसराज गाता, शकीलुर्रहमान खान, फ्रंट के अब्दुल लतीफ, सगीर अहमद, युसूफ अहमद, युसूफ यूनिवर्सल, खुर्शीद अनवर, महबूब उस्मानी, उमर नकवी आदि मौजूद थे। सभा का अध्यक्षता कर रह मालवा महिम्मद सईद टोका ने देश में अच्छा माहौल करने वाली नीतियां बनाने पर जोर दिया। रैली फोरम व फ्रंट के नेतृत्व में निकली। इसे जमीयतुल उलेमाए हिंद, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल टोंक, जमाअते इस्लामी व अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारी एवं मीडिया ऑर्गेनाइजेशन ने समर्थन दिया था। वह इसमें शामिल भी रहे। फौरम के अध्यक्ष सैयद मजहर आलम ने सभी का आभार प्रकट किया। बाद में जिला कलेक्टर केके शर्मा को प्रतिनिधिमंडल ने विरोध जापन राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा