थैंक यू वैरी वैरी मच अमित शाह
खान फिरोज
आप सोच रहे होंगे कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को थैक्स किस बात का ? अमित शाह को थैक्स कहने पर आप चौंकिए मत। पहले इस लेख को पूरा पढ़ें। आप भी शाह को थैक्स कहने पर मजबूर हो जाएंगे।
- कुछ दिन पहले तक पूरी उम्मते मुस्लिमा 73 फरकों में बंटी हुई थी। हर फिरका खुद को जन्नती और दूसरे फिरकों को जहन्नुमी कह रहा था। सीएए के बाद सभी जन्नती व जेहन्नुमी मुस्लिम घोषित किए गए फिरकों को अब एनआरसी की फिक्र होने लगी हैसबको उम्मत की एकता की जरूरत महसूस होने लगी है। इसी के साथ अब जन्नत व वैरी वैरी मच्छ जेहन्नुम के लाइसेंस बंटना बंद हो गए हैं।
- कुछ दिन पहले तक एक फिरका दूसरे फिरके को बिदअती व मुशरिक कह रहा था। अब उन फिरकों को मौलवी फिलहाल तो सारे मतभेद भुलाकर एक हो जाने की अपील कर रहे हैं।
- कुछ दिन पहले तक एक फिरका या एक मसलक के लोग दूसरे फिरके या मसलक वाले को गुस्ताखे रसूल कह रहा था। अब उनके मन में सभी मसलकों को मानने वालों के प्रति भाई होने का जज्बा पैदा हुआ है।
- दुनिया की रंगीनी में खोई हुई मुस्लिम कौम को अपना घर, अपनी नागरिकता छिन जाने का डर पैदा हुआ तो आयतें करीमा पढ़ने की तौफीक हुई।
- अब उम्मते मुस्लिमा को अल्लाह और उसके रसूल की तरफ लौटने की जरूरत महसूस हुई।
- अमित शाह के घोर मुस्लिम विरोधी इस कदम से बरसों से सुस्ती व गफलत में पड़ी कौम में बेदारी व जानदारी पैदा हुई।
- अब उम्मते मुस्लिमा को इत्तिहाद व इत्तिफाक़ की अहमियत का अहसास पैदा हुआ।
- उम्मते मुस्लिमा को अब अपने एक लीडर की जरूरत महसूस हुई।
- उम्मते मुस्लिम के नौजवानों में हौसला पैदा हुआ और शौके शहादत परवान चढ़ने लगातो अब आप भी अमित शाह को बैंक्स कहने पर मजबूर हुए ना।