वर्षों से अपनी क्र्मोन्नति का इंतजार कर रहा है इस्लामपुर का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
1965 में राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखड़िया ने किया था पीएचसी का शिलान्यास, पीएचसी के क्रमोन्नत होते ही लगभग 50 हजार लोग होंगे लाभान्वित
मोहम्मद आरिफ चंदेल झंझुनूं।
इस्लामपुर कस्बे का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र वर्षों से अपनी क्रमोन्नति का इंतजार कर रहा है। शानदार व विशाल बिल्डिंग, डॉक्टरों के लिए बेहतरीन काटर्स और अच्छीखासी ओपीडी होने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अस्पताल के इस्लामपुर, माखर, रतनशहर, मुरोत, मुरोत का बास, चिंचड़ौली, भड़ौन्दा खुर्द, केहरपुरा खुर्द व छोटी-बड़ी ढाणियों सहित लगभग 20 गांव लगते हैं और यहां के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का यही एकमात्र प्रमुख केंद्र है। अकेले इस्लामपुर कस्बे की आबादी लगभग 15 हजार है वहीं आस-पास के गांव व ढाणियों को मिलाने पर यहां की आबादी लगभग 50 हजार के करीब पहुंच जाती है फिर भी मरीजों को अपने इलाज के लिए जिला मुख्यालय व अन्य साएचसा केन्द्रों पर जाना पड़ता है जो कि उनके लिए महंगा साबित होने के साथ-साथ उन्हें परेशानी का सामना भी करना पडता है। साधारण बीमारी से पीड़ित मरीज तो अपना इलाज कहीं भी करवा सकता है लेकिन आपात स्थिति व गंभीर बीमारी से पीडित मरीज व एक प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला को जब दूरस्थ केन्द्र पर ले जाया जाता है तो उसकी परेशानी का अंदाजा हम और आप लगा सकते हैं। क्रमोन्नति के अभाव में यहां सुविधाओं की कमी है और आवश्यक साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण डॉक्टरों द्वारा मरीजों को झंझनं रैफर कर दिया जाता है जिससे मरीजों का समय व धन दोनों बर्बाद होते हैं। काफी समय पहले इस बारे में ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल पूर्व चिकित्सा मंत्री दुर्रुमियां से भी मिला था जिस पर मंत्री ने शीघ्रही समस्या समाधान का आश्वासन दिया था। वहीं पीएचसी को क्रमोन्नत करवाने के लिए ग्रामीणों की ओर शिलान्यास, पीएचसी केसे कोर्ट में अपील भी की गई थी मगर इस्लामपुर का यह स्वास्थ्य केन्द्र आज भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में ही संचालित है। 1965 से संचालित इस स्वास्थ्य केन्द्र का शिलान्यास राजस्थान के तत्कालीन मख्यमंत्री मोहनलाल सखाडिया ने किया था। तब से लेकर आज तक कई बार कांग्रेस व भाजपा की सरकारें बनी और जिले से कई मंत्री व सांसद भी बने लेकिन इस्लामपुर का यह स्वास्थ्य केन्द्र आज तक क्रमोन्नत नहीं हो पाया है। ग्रामीणों की और से कई बार विधायकों, मंत्रियों व सांसदों को ज्ञापन के माध्यम से इस बारे में अवगत भी करवाया गया मगर समस्या आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। पीएचसी के क्रमोन्नत होते ही लगभग 50 हजार लोग होंगे लाभान्वित इस पीएचसी ने कायाकल्प अवार्ड प्राप्त कर संपर्ण राजस्थान में प्रथम स्थान प्राप्त किया है साथ ही जिलेभर में भी यह पीएचसी प्रथम स्थान पर रही हैभामाशाह सहयोग करने को तैयार: माखर-इस्लामपर में सौंथलिया, सोमानी, लखोटिया, केडिया, खेतान व चौधरी जैसे भामाशाहों की कोई कमी नहीं है यदि इस्लामपर पीएचसी को क्रमोन्नत किया जाता है तो यहां के भामाशाह खले दिल से आर्थिक सहयोग करने को तैयार हैं। वैसे भी प्रसूताओं की र समस्याओं को देखते हुए कलकत्ता प्रवासी भामाशाह रतनलाल चौधरी की ओर से गत दिनों अस्पताल में लगभग 11 लाख रूपए की लागत से एक प्रसूति गृह का निर्माण करवाया जा चुका है। भामाशाह चौधरी ने बताया कि अगर हमारा अस्पताल क्रमोन्नत होता है तो वे अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने के नाम पर हर समय मदद करने को तैयार हैं।
अस्पताल की ओपीडी पर एक नजर: अस्पताल में वर्ष 2018 व 2019 की ओपीडी, आईपीडी, कराए गए प्रसव व लेब में की गई जाँचों का ब्योरा इस प्रकार है-
1-ओपीडी में वर्ष 2018 वर्ष 2019
मरीजों की सख्या 24510 28106
2-इंडोर मरीजों का सख्या 1167 1252
3-अस्पताल मे कराय प्रसव 178 146
4-जाँचों की सख्या 6471 9698
इनका कहना है
इस्लामपुर पीएचसी बगड़ सीएचसी के नजदीक होने के चलते दिक्कत आ रहा ह फिर भा इसका स लिए म पूरा प्रयास कर रहा है।
-बिर्जेन्द्र सिंह ओला, विधायक झंझनं।
हम ग्राम सभा का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास दो बार भेज चुके हैं आउट डोर को देखते हुए काफी समय पहले ही सीएचसीबन जानी चाहिए थी।
-आशाराम बरवड़, सरपंच ग्राम पंचायत इस्लामपुर।