देश में गरीब एवं बेरोजगार हिन्दओं से ज्यादा विदेशी हिन्दुओं से लगाव दिखा रही है मोदी सरका
- बेरोजगारी, भुखमरी एवं आवासीय समस्या से वंचित है हिन्दुओं की बड़ी संख्या ।
- भील एवं गाड़िया लुहार आदि जातियों के पास आज भी आवास और शिक्षा की सुविधा नहीं है
एम. खान जयपुर।
भारत देश में करीब 130 करोड़ की आबादी है। 130 करोड़ आबादी में करीब 80 प्रतिशत हिन्दुओं की आबादी है। वर्तमान में हो रहे विभिन्न आर्थिक सर्वे में बता रहे हैं कि देश की आर्थिक वृद्धि दर तेजी से नीचे आ रही है। बेरोजगार युवाओं की फौज बढ़ती जा रही है।
देश में हिन्दू वर्ग में शामिल कई जातियां जैसे दलित, आदिवासी, हरिजन, गाड़िया लुहार एवं भील जैसी जातियां हैं जो अपनी दो जून की रोटी का जुगाड़ भी आसानी से नहीं कर पाती है। गाडिया लुहार एवं भील जाति के लोगों को अभी भी आवासीय सुविधा से वंचित रहना पड़ता है। देश के कई भागों में हिन्दुओं को रोटी, कपड़ा और मकान की समस्या से जूझना पड़ रहा है। देश के कई प्रदेश नक्सली समस्या से प्रभावित हैं। नक्सलियों में शिक्षा का अभाव है और जमीदारों एवं पूंजीपतियों के खिलाफ इनका खूनी संघर्ष निरंतर जारी है। यह सभी जाति वर्ग भी हिन्दू धर्म जिम्मेदारी का हिस्सा है। केन्द्र एवं राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने नागरिकों के लिए रोजगार, आवास, शिक्षा, भोजन की सुविधा उपलब्ध करवाएं। वर्तमान में केन्द्र में आसीन भाजपा की मोदी सरकार को देश हिन्दुओं, युवाओं, किसानों एवं व्यापारियों की समस्या दिखाई नहीं दे रही है। मोदी सरकार को समस्याएं दिखाई नहीं दे रही है या समस्याओं के समाधान की मोदी सरकार में योग्यता नहीं बची है।
देश में गरीब एवं बेरोजगार... जनता यह सोचने का विषय है। भारत देश में करीब 100 करोड़ हिन्दुओं की आबादी है जिनका ध्यान मोदी सरकार नहीं रख पा रही है तो वह बांग्लादेश, पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान के हिन्दुओं को कैसे रोजगार, मकान एवं शिक्षा की सुविधाएं दे पाएंगी। माना यह भी जा रहा है कि इन समस्याओं से लेना देना किसको है।
कि इन समस्याओं से लेना देना किसको है। सभी जानते हैं कि भारत की बड़ी आबादी भोली भाली है और भावनाओं के सहारे जीती है और व्यवहार करती हैआज 80 प्रतिशत जनता को 20 प्रतिशत अल्पसंख्यकों का डर दिखाकर डराया जा रहा है। 500 वर्षों से हिन्दू-मुस्लिम साथ रह रहे, अब कहा जा रहा कि आप साथ नहीं रह सकतेलोगों में नफरत केवल इसलिए पैदा की जा रही है जिससे अपनी कुर्सी को सुरक्षित किया जा सके। यदि फूट डालो राज करो की यह नीति नहीं अपनाई गई तो जनता एक साथ मिलकर (हिन्द- मस्लिम) ऐसे लीडरों को विदेश भेजेगी या ऊपर भेद देंगीइसलिए पार्टियां नेता और कछ तानाशाह अपनी नाकामी छिपाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
वर्तमान में मोदी सरकार जो धर्म के आधार पर सीएए और एनआरसी का कानन लाई है उससे देश को कोई फायदा नहीं होने वाला है और न ही जनता का भला होने वाला है। देश की शेष पृष्ठ एक से जारी.. जनता सब समझ रही है। यही कारण है कि सीएए और एनआरसी का देश की जनता जितना विरोध कर रही है उतना स्वतंत्र भारत में अभी तक किसी कानन का नहीं किया गया है। मोदी सरकार यदि अपनी जिद छोड़कर देशहित में जनता की भावना समझे तो कछ इस देश का भला हो सकता है। यदि मोदी सरकार अपनी जिद पर अडिग रही तो देश को नुकसान होना भी तय है।