जयपुर मे प्राइवेट सवारी बसों से ढोया जा रहा है माल, सवारी परेशान
- जीएसटी एवं पुलिस से बचने के लिए प्राइवेट बसों से माल ढोया जा रहा है
- बसों में माल लोडिंग होने से सवारियों के होती है परेशानी
- सवारियां भरी बस में माल लोडिंग होने से दुर्घटना की संभावना होती है
- यह बसें सरकारी बस स्टेंड के सामने से सवारियां भरती है जिससे रोडवेज को नुकसान होता है
जयपुर में रोडवेज बसों के आगे संचालित हो रहे प्राइवेट बसों से रोडवेज की कमाई चौपट होती जा रही है। हालात यह है कि रोडवेज बस स्टैण्ड के सामने से अवैध बसों का संचालन हो रहा है। इसके अलावा जयपुर के खो नागोरियान, सांगानेर, ईदगाह बायपास रोड पर अवैध बस स्टैंड बना लिए हैं और प्रशासन चैन की बंशी बजा रहा है। सिंधी कैंप बस स्टैण्ड के सामने, ईदगाह बायपास, सांगानेर, खो नागोरियान सहित कई स्थानों पर 90 से अधिक अवैध बसों का संचालन हो रहा है। इसमें मुख्य बात यह है कि अवैध बसें रोडवेज बसों के आगे संचालित होते हैं। इससे रोडवेज को प्रतिदिन हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा सवारी बसों से माल की ढुलाई कराई जा रही है।
ऐसा केवल पुलिस और जीएसटी-वाणिज्यकर अमले की जांच से बचने के लिए हो रहा है। जगह-जगह लगे चैकिंग पाइंट पर जांच में ट्रकों को रोककर माल-भाड़े की जांच की जाती हैजिससे टैक्स चोरी तुरंत पकड़ में आ जाती है जबकि सवारी बसों पर लोड माल को कहीं भी चैक नहीं किया जाता। इसका फायदा उठाकर व्यापारी जहां प्रतिदिन लाखों रुपए के टैक्स की चोरी कर रहे हैं वहीं बसों में सफर करने वाले यात्रियों की जान को भी खतरे में डाला जा रहा है। यात्री बसों के माध्यम से प्रतिदिन जयपुर और दिल्ली और यूपी की ओर से बड़े स्तर पर माल पहुंचाया जा रहा है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक- इलेक्ट्रिक होम एप्लाइंसेस से लेकर गारमेंट, जूते-चप्पल, परचून और ड्राइ फ्रूट्स भी शामिल है। बसों पर लादकर भेजे जाने वाले इस माल की बिल इनवॉयस किसी भी स्तर पर न तो परिवहन अमला चैक करता न ही जीएसटी-वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों को इसकी फुरसत नहीं मिल रही है। इसके कारण बसों के माध्यम से प्रतिदिन आने वाले माल के द्वारा चार से आठ लाख रुपए की टैक्स चोरी हो रही है। ट्रांसपोर्ट कारोबारी जांच से परेशानः बसों पर माल-भाड़े के प्रतिबंध के बावजूद ढुलाई बेरोकटोक जारी है। वहीं दूसरी ओर ट्रांसपोर्टर जीएसटी-वाणिज्यिक अमले की जांच से परेशान हैं। सूत्रों के अनुसार जयपुर से यूपी के बीच में कई स्थानों पर जांच की जा रही है इसमें हर पांइट पर एक-दो घंटे का समय लगता है और ट्रांसपोर्टरों को समय की बर्बादी का सामना करना पड़ता है।
पड़ताल में पता लगा कि ट्रकों को रोककर जांच की जाती है वहीं सुबह से रात तक यात्री बसों पर लदे भारी-भरकम माल की और किसी को देखने तक की फुरसत नहीं है। एक बस पर करीब 8 से 10 हजार रुपए का माल-भाड़ा लादा जाता है और इसमें अधिकांश माल चैकिंग का डर न होने से टैक्स चोरी कर लाया जाता है। जोखिम में डाल रहे यात्रियों की जानः बसों के केबिन पर इनदिनों टैक्स चोरी कर लाए जा रहे माल की लदाई को देखकर हादसे की आशंका जताई जा रही है। 52 सीटर और स्लीपर बसों के केबिन के ऊपर तीन-तीन फीट ऊंचाई तक माल लादा जा रहा है। जिससे हाइवे पर तेज रफ्तार बस मोड़ पर कभी भी संतुलन गड़बड़ाने पर पलट सकती है और इस स्थिति में बस में सवार यात्रियों को जान का जोखिम भी उठाना पड़ सकता है। बसों पर आतिशबाजी जैसे ज्वलनशील माल की ढुलाई का भी अंदेशा है। ज्ञात हो कि अभी हाल ही में कन्नौज से जयपुर आ रही एक बस में 20 लोग जिंदा जलकर मर गए थे।