अलीगढ़ की मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी में मौजूद है हजऱत अली से लेकर मुगल शासकों के हाथ से लिखे कुरान
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी स्थित मौलाना आजाद लाइब्रेरी किसी भी अन्य पुस्तकालय से सर्वश्रेष्ठ है। इसमें एक केंद्रीय पुस्तकालय है तथा विभिन्न तलों पर फैले 80 से अधिक विभागीय पुस्तकालय हैं। इन पुस्तकालयों में पुस्तकों का बेहतर संग्रह है।
यह लाइब्रेरी भारत में सबसे बड़ी और एशिया में दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी मानी जाती है। यहां पुस्तकों का संग्रह न केवल छात्रों की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि भारत के इतिहास और संस्कृति पर भी प्रकाश डालता है। यहां खास तौर पर उल्लेखनीय सातवीं मंजिल पर स्थित एक पुस्तकालय है जो एक शानदार पुरानी मुस्लिम शैली की इमारत है एवं इसके चारों ओर खूबसूरत लॉन व बगीचे हैं। देश में सबसे बड़ा पुस्तकालय होने के अलावा, मौलाना आजाद लाइब्रेरी सबसे सुंदर भी मानी जाती है।
(एएमयू) की मौलाना आजाद लाइब्रेरी देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पहली लाइब्रेरी भी बन गई है, जिसे इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडरडाइजेशन (आइएसओ) प्रमाणपत्र मिला है। इसकी सात मंजिला इमारत 4.75 एकड़ में फैली है। इसमें करीब 14 लाख किताबें हैं। 1960 में इसे मौलाना आजाद पुस्तकालय से नामित किया गया।
इसी लाइब्रेरी में एक यूजियम भी स्थित है। इस संग्रहालय के खजाने में कई बेशकीमती हस्तलिपियां मौजूद है।
मौलाना आजाद लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन इख़तेदार इसराइली बताते हैं कि यहां यहां हजार साल से 1500 साल पुरानी हस्तलिखित किताबें मौजूद हैं इन किताबों में हजरत अली के हाथ से लिखा हुआ क़ुरान भी मौजूद हैं।
इसके अलावा हिरण की खाल (Parchment) पर लिखा हुआ कुरान शरीफ, अब्दुल बाकी के हाथ से लिखा हुआ स्वर्ण जडि़त क़ुरान, भगवत गीता का हस्तलिखित फारसी में अनुवाद (स्वर्ण जडि़त), फारसी में रामायण, महाभारत का फारसी वर्जन एवं हाथ से लिखी हुई कई संस्कृत की पांडुलिपिया यहां मौजूद है।
इख़तेदार इसराइली हमें विजिट कराते हुए बताते हैं कि यहां बादशाह औरंगजेब के हाथ से लिखा हुआ कुरान, जीना बेगम जो कि एक अन्य मुगल बादशाह की पत्नी थी उनके हाथ से लिखा हुआ स्वर्ण जडि़त कुरान, मुगल शासक शाहजहां का फरमान मोहर के साथ, औरंगजेब का फरमान, मुगल बादशाह औरंगजेब के जंग वाला कुर्ता जिस पर पूरा कुरान लिखा है और उस कुर्ते पर खून के धब्बे भी है जो की जंग के दौरान उन्होंने पहन रखा था उसे ही पहनते हुए शहीद हुए थे।
बादशाह औरंगजेब की तलवार, मौलाना आजाद का संपूर्ण इस्तेमाल में आने वाला सामान भी यहां प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा अरबी में हस्तलिखित बाइबल, इब्ने सीना की हस्तलिखित अल्कानून किताब, दुनिया की पहली 3डी पेंटिंग "द ट्यूलिप", जो कि मनसूर नक्काश ने बादशाह जहांगीर को तोहफे में दी थी।
12 इमामो के नाम में बहुत ही बारीकी से लिखा हुआ पूरा कुरान, आयतल कुर्सी में लिखा कुरान, 30 पेज में हाथ से हस्तलिखित कुरान। यहां आकर आप लगभग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं मुगल काल मैं जो इस्लाम का उद्भव हुआ था वह बहुत ही काबिले तारीफ है उस वक्त अरबी व फारसी मैं विभिन्न धार्मिक ग्रंथ लिखे गए और उनका अनुवाद भी किया गया। यहां पर जोधा बाई का असली पोर्टेट और दक्षिण के राजा तानाशाह का पोर्टेट भी प्रदर्शित किया गया है।
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