धरने को बुद्धिजीवियों, लेखकों एवं सामाजिक संगठनों का मिल रहा है समर्थन
संगठनों का मिल रहा है समर्थन सीएए एवं एनपीआर के विरोध में शहीद स्मारक पर जारी है महिलाओं का धरना-प्रदर्शन
कार्यालय संवाददाता जयपर।
जयपर के एमआई रोड स्थित शहीद स्मारक पर 23वें दिन भी सीएए. एनआरसी एवं एनपीआर के विरोध में महिलाओं का धरना प्रदर्शन जारी रहा और इस धरने प्रदर्शन में सभी जाति मजहबों के महिला-पुरुषों का समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा जयपर में अल्बर्ट हॉल एवं कर्बला मैदान में भी महिलाओं का धरना प्रदर्शन शरु हो गया। धरना स्थल पर वॉलंटियर सभी व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं इसलिए सरकार एवं प्रशासन को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आ रही है।
सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर के विरोध में चल रहे इस प्रदर्शन में सुप्रसिद्ध बुकर पुरस्कार प्राप्त करने वाली जानी मानी साहित्यकार अरुंधति राय, प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखेदव सिंह सिरसा, जेएनयू की छात्रा नायला खान, सांझी विरासत मंच की वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोमा सागर, जनता दल सेक्यूलर के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन देथा, अखिल बैरवा समाज के एस.के. बैरवा, पूर्व जज टेकचंद राहुल, अंजु कराडिया दलित मुस्लिम एकता मंच के प्रदेशाध्यक्ष लतीफ संविधान समाजसेवी आरको, जमाअते इस्लामी के प्रदेश सचिव वकार अहमद खान, पीयूसीएल की कविता श्रीवास्तव, एनएफआईडब्ल्यू की निशा सिद्ध, सुन्नी जमाअत के मौलाना सगीर उर्फ लल्लू मियां, हैल्पिंग हेड के महासचिव नईम रब्बानी ने समर्थन दिया और अपने सम्बोधन में सीएए को जब तक वापस नहीं लिया जाता है, तब तक विरोध करने की बात कही।
दूसरी तरफ कर्बला में चल रहे समाजसेवी डॉ. माल्या को मिला धरने-प्रदर्शन को हाफिज मंजूर खान, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवसिर्टी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आजम बेग, डॉ. दशरथ हिनुनिया ने सम्बोधित किया और इस काले कानून का वापस लेने का विरोध करने का ऐलान किया। अल्बर्ट हॉल पर चल रहे एक घंटे रोजाना प्रदर्शन में आसिफ दाऊदी. नासिर खान एवं एडवोकेट अफजल खान सहित बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुषों ने अपना प्रदर्शन जारी रखने की बात कही।