दिशा सूचक बोर्ड से भ्रमित हो रहे वाहन चालक

 


टोल वसूलने के लिए लगाया गया बोर्ड



सुकेत। सुकेत कस्बा कोटा जिले की सबसे बड़ी पंचायत है जिसमें 27 वार्ड हैं। वह एनएच12 पर बसा हुआ पुराना कस्बा है। कस्बा सुकेत नेशनल हाईवे 12 पर होने से यह जयपुर, कोटा, जोधपुर, दिल्ली आदि प्रांतों में जाने का रास्ता है। दूसरी तरफ सुकेत से इंदौर, भोपाल, एमपी में जाने का रास्ता है। कस्बेवासियों एवं जानकार ड्राइवरों ने बताया कि दिशा सूचक बोर्ड टोल वालों ने अपने टोल के फायदे के लिए लगवा दिया है, इससे बड़ा नुकसान हो रहा है। एक तो जगह-जगह टोल देना पड़ता है एवं करीबन 60 किलोमीटर गाड़ी भी ज्यादा चलना पड़ता है।


               इन लोगों को जो हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, जोधपुर, जयपुर, अजमेर, कोटा से जितने भी ट्रक, ट्रोले, कारे, ट्रेक्टर आदि वाहनों के लिए बहुत ज्यादा दुःखदायी है। इसके विपरीत सीधा रास्ता कोटा से सुकेत, झालावाड़, पाटन से अकलेरा, भोपाल राजधानी के लिए सीधा रोड कोटा से सुकेत, झालावाड़, पाटन, सोयत, आगर, इंदौर आदि के लिए सीधा रास्ता है। इस रास्ते में टोल भी है एवं किलोमीटर भी कम है। तकरीबन 60 किमी. का फायदा है।


                    सुकेत से मेघा हाइवे रोड निकाला गया है जो जल्मी, पिपलीया, भवानी मण्डी, डग, बड़ोद से आगर, इंदौर के लिए है यह रास्ता लम्बा है। दूसरी बात इस मेघा हाइवे पर एक भी बस राजस्थान रोडवेज की नहीं चलती है। लोगों ने बताया कि 8 साल पहले एक गाडी कोटा सहयोगी संघ ने बजट से भवानीमंडी चला करती थह वह भी बंद है। इस मेघा हाइवे पर अगर राज्य सरकार बसें चलाता है तो सवारियों को बहुत फायदा होगा और सरकार को भी। लोगों का कहना है कि टोल वालों द्वारा लगाया गया भ्रमित वाला बोर्ड के दिशा निर्देश को तत्काल सही करें तो वाहनों की इस बड़ी समस्या से निजात मिलेगी।


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