जामिया उर्दू अलीगढ़ की डिग्रियों को राजस्थान हाइकोर्ट ने दी मान्यता
जयपुर।
राजस्थान हाईकोर्ट की वृहदपीठ ने जामिया उर्दू अलीगढ़ की डिग्रियों को प्रदेश की सैकण्डरी, सीनियर सैकण्डरी और बीएड के समान मानने के संबंध में विवाद तय कर दिया है। वृहदपीठ ने कहा है कि दो खंडपीठों ने दोनों डिग्रियों को समकक्ष माना था और एक खंडपीठ ने फिरदौस तरन्नुम के मामले में इसे अलग-अलग माना था। सुप्रीम कोर्ट ने फिरदौस तरन्नुम के मामले में खंडपीठ का आदेश रद्द कर दिया है। ऐसे में अब दोनों डिग्रियों को समकक्ष मानने का आदेश ही अस्तित्व में है।
ऐसे में इस बिन्दु को निस्तारित किया जाता हैन्यायाधीश सबीना, इन्द्रजीत सिंह और महेन्द्र गोयल की वृहदपीठ ने यह आदेश मामले में भेजे गए रेफरेंस को तय करते हुए दिए। मामले के अनुसार हाईकोर्ट की दो खंडपीठों ने जामिया उर्दू अलीगढ़ की अदीब, नाहिर और मोअल्लीम को सैकण्डरी, सीनियर सैकण्डरी और बीएड के समान माना था। जबकि एक खंडपीठ ने इन्हें अलग-अलग स्तर की माना था। इस पर मामला वृहदपीठ में तय करने के लिए रेफरेंस के तौर पर भेजा गया था।