ख्वाजा साहब के 808वे उर्स की की तैयारियां शुरू, झण्डा चढ़ाया गया

 


अजमेर।



            ख्वाजा गरीब नवाज के 808वें उर्स का गुरुवार को बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ने की रस्म के साथ अनौपचारिक आगाज हो चुका है। साम्प्रदायिक सौहार्द और कौमी एकता के प्रतीक गरीब नवाज के उर्स में हर खास-ओआम अपनी मुराद लेकर पहुंचता है और जो खुद हाजिरी नहीं दे पाते वे अपनी चादर भेजते हैं। DO गरीब नवाज के उर्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चादर 25 फरवरी को पेश होगी। पीएम ने शुक्रवार को अपने आवास पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी सहित दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन, अंजुमन कमेटी सदर और दरगाह कमेटी अध्यक्ष को बुलाकर चादर सौंपी।


                          ख्वाजा गरीब नवाज के 808 वें उर्स में शामिल होने वाले जायरीन की सुविधा के लिए रेल प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है. अजमेर से देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों के बीच करीब छह स्पेशल ट्रेन चलाई जाएंगी. हर साल उर्स पर देश विदेश से लाखों जायरीन अपनी मुराद लेकर ख्वाजा के दर पर पहुंचते हैं - ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की शुरू, झण्डा चढ़ाया दरगाह में इस साल भी 808 वां उर्स शानो शौकत के साथ मनाया जाएगा।


              दरगाह कमेटी ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। नाजिम शकील अहमद के अनुसार हिजरी संवत के जमादी उस्सानी महीने की 25 तारीख को बुलंद दरवाजे पर परंपरा के अनुसार सालाना उर्स का झंडा चढ़ाया गया। परंपरा के अनुसार उर्स की नमाज के बाद दरगाह गेस्ट हाउस से झंडे का जुलूस शुरू हुआ कव्वालियों के साथ यह जुलूस रवाना हुआ। चांद की 29 तारीख यानी 23 या 24 फरवरी को सुबह 4.30 बजे जन्नती दरवाजा खोल दिया जाएगा। यदि रजब महीने का चांद शाम को दिख जाता है तो ये दरवाजा खुला रहेगा, अन्यथा इसे मामूल कर दिया जाएगा। अगले दिन फिर खोला जाएगा। इसके बाद यह रजब की 6 तारीख तक खुला रहेगा।


                    रजब महीने का चांद नजर आने पर उर्स की महफिल शुरू हो जाएंगी। यह महफिल चढ़ाया गया दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन की सदारत में महफिल खाना में होगी। मध्य रात्रि से मजार शरीफ को गुसल (स्नान) देने का सिलसिला शुरू होगा। रजब की 5 तारीख तक रात में यह आयोजन होंगे। इसके बाद रजब कि 6 तारीख को यानी एक या 2 मार्च को छोटा कुल होगा। दरगाह के महफिल खाने में सुबह 9.30 बजे से 11 बजे तक बजे से 11 कुरानखानी होगी 11.15 बजे से कुल की महफिल शुरू होगी। इसके बाद दरगाह दीवान कुल की रस्म अदा करने के लिए जन्नती दरवाजे से होते हुए आस्ताना शरीफ पहुंचेंगे। यहां दीवान के जन्नती दरवाजे में दाखिल होते ही जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा । तोप के गोले दागे जाएंगे, शादियाने बजाए जाएंगे। इधर, देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले कलंदर और मलंग दागोल की रस्म अदा करेंगे। चार या पांच मार्च को बड़ा कुल की रस्म होगी।


दरगाह शरीफ को गुलाब जल और केवड़े से धोया जाएगा। बड़े कुल के साथ ही उर्स का समापन हो जाएगा। दरगाह कमेटी की ओर से सालाना उर्स को देखते हुए दरगाह में तैयारियां जारी हैं। रंग रोगन कराया जा रहा है। इसके साथ ही अन्य इंतजाम भी अंजाम दिए जा रहे हैं।


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