लगातार बढ़ रही औरतों की तादाट 23वें दिन जारी शाहीन बाग
बारां।
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन में दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पूरे देश मे बने शाहीन बाग से बारां शहर में भी बना शाहीन बाग लगातार 23वें दिन से जारी है।
हर रोज़ शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक अंजुमन चौराहे पर नए-नए वक्ता अपने भाषणों से तमाम अवाम को सम्बोधित कर रहे है। जिसमे 17 फरवरी इतवार को अलीगढ से आई समाजसेविका रजिया खान ने सम्बोधित किया। सोमवार को दारुल उलूम कोटा के मुफ्ती शमीम साहब व बारां शहर के टीचर जफीर अहमद ने सम्बोधित किया।
मंगलवार को बारां जिले की जानी-मानी शख्सियत अब्दुल मतीन ने सम्बोधित किया। बधवार को एसडीपीआई के राष्ट्रीय सचिव सीताराम खोर्डवाल व शाह अल्वी यथ के प्रदेशाध्यक्ष इकबाल रीगल ने इस काले कानन के खिलाफ आवाज बलंद की। इसी क्रम में जमेरात को बारां शहर के हाजी वसीम करेशी व पॉपलर फंट के सदस्य अशरफ मंसूरी ने सरकार की गलत मंशा के खिलाफ अपने ख्यालात पेश किए।
शुक्रवार को वुमन इंडिया मूमेंट की अंजुम बाजी ने व कोटा के एडवोकेट जहीर अहमद ने भी सम्बोधित किया। शनिवार को जेएनयू के फॉर्मर स्टूडेंट खालिद खान व झारखंड के सोशल एक्टिविस्ट हाफिज ख्वाब तबरेज़ ने सम्बोधित किया उन्होंने तमाम महिलाओं से ये आह्वान किया कि हम सब इस शाहीन बाग को तब तक कायम रखेंगे जब तक कि केंद्र सरकार सीएए को वापस नहीं ले लेती या उसमे मुस्लिमों को शामिल नही कर लेती। और एनआरसी, एनपीआर को निरस्त ही कर देती। हाफिज ख्वाजा तबरेज़ ने इस बात पर जोर दिया कि ये आंदोलन सिर्फ मुसलमानो का आंदोलन नही है। बल्कि एससी/एसटी व दलित वर्ग का भी है।
इनको दिल्ली व बड़े शहरों की तरह छोटे - छोटे शहरों में कायम शाहीन बाग का समर्थन करना चाहिए ओर आगे आना चाहिए क्योंकि इस काले कानून का असर सीधे तौर पर उनपे भी पढ़ने वाला है। वहीं शाहीन बाग के कन्वीनर मोलाना अख्तर नदवी कासमी ने कहा कि हमारा शाहीन बाग तब तक जारी रहेगा जब तक कि केंद्र सरकार पूरे तोर पर इस काले कानून को वापस नहीं ले लेती। हम इसी तरह रोज नए नए वक्ताओं को मौका देते रहेंगे।
जिनमे उलमाए इकराम, सामाजिक कार्यकर्ता व सियासी रहनुमा होंगे। हम इन प्रोग्रामो में उन तमाम गैर-मस्लिम हजरात से भी गजारिश करते है जो हमारे विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हए हमारे साथ आए हम उन्हें भी सम्बोधन का मौका देंगे। वही शाहीन बाग की इंचार्ज रजिया मैराज व वाफिया अंसार भी अपने जोशीले नारों से महिलाओं का हौसला बढा रही है।