कोराना वायरस के कारण 8वीं तक की परीक्षाएं निरस्त करने की मांग
आर.टी.ई. अधिनियम में 8वीं कक्षा तक परीक्षा के स्थान पर स्तत मूल्यांकन का प्रावधान
जयपुर।
स्वयंसेवी शिक्षण संस्था संघ राजस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष एल सी भारतीय व प्रदेश मंत्री किशन मित्तल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र देकर मांग की है कि सरकार द्वारा आर.टी.ई. अधिनियम के विरुद्ध ली जा रही कक्षा 5 व कक्षा 8 की वार्षिक परीक्षा को विश्वव्यापी कोरोना वायरस के कारण समाप्त करने के निर्देश शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोढासरा को दें।
संघ के कार्यकारी अध्यक्ष भारतीय ने कहा कि आर.टी.ई. अधिनियम के विरुद्ध शिक्षा विभाग राजस्थान द्वारा पांचवी व आठवीं परीक्षा देने की अनिवार्यता पूर्व भाजपा सरकार द्वारा करने से बालकों में भय उत्पन्न कर दिया है।
उन्होने कहा कि आर.टी.ई. अधिनियम में किसी भी प्रकार की कक्षा 5 व कक्षा 8 तक परीक्षा नहीं लिए जाने एवं किसी भी कक्षा में अनुत्तीर्ण न किये जाने का प्रावधान है। उक्त अधिनियम में बालकों को परीक्षा का भय नहीं रहे इसलिए सतत् मूल्यांकन का प्रावधान है।
संघ के प्रदेश मंत्री मित्तल ने कहा कि सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के सम्बन्ध में निदेशालय द्वारा जारी दिशा निर्देश दिनांक 01.05.12 व दिनांक 24.07.13 में स्पष्ट किया गया है कि बच्चों ने जो सीखा है उसका मूल्यांकन उनके पढ़ने के दौरान लगातार होता रहे और उन्हें परीक्षा का भय नहीं लगे। बच्चों के मूल्यांकन प्रक्रिया को इस प्रकार तय करना होगा कि वो के लिए का प्रावधान बच्चों के बारे में लगातार जानकारी दें और उनमें परीक्षा का भय भी पैदा ना हो।
अधिनियम में यह कहा गया है कि बच्चों को प्रारम्भिक कक्षा (कक्षा 1 से 8) समाप्ति तक किसी भी कक्षा में रोका नहीं जाएगा। संघ के मंत्री मित्तल ने यह भी कहा कि जब तक केन्द्र सरकार के आर.टी.ई. अधिनियम में संशोधन/परिवर्तन नहीं होता तब तक राज्य सरकार के स्तर पर परीक्षा का प्रावधान नहीं है। देश के अन्य प्रदेशों में कक्षा 8 तक की परीक्षाएं कोरोना वायरस के कारण रदद कर दी है तो राजस्थान में भी अन्य प्रदेशों की तरह कक्षा 8वीं तक की कक्षाओं की परीक्षा को रद्द कर दिया जाये।