निजी चिकित्सालयों को कोरोना वायरस नियंत्रण में सहयोग करने के निर्देश
जयपुर।
प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए सभी निजी चिकित्सालयों को प्राथमिक उपचार सहित आइसोलेशन वार्ड स्थापित कर खासा, बुखार एव सांस लेने में तकलीफ वाले रोगियों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी निजी चिकित्सा संस्थानों को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी इन्फेक्शन कन्ट्रोल प्रोटोकोल का पूरी गंभीरता के साथ पालन करने के निर्देश भी दिये गये हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में रविवार को निजी चिकित्सालयों, इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन, मेडिकल प्रेक्टिशनर सोसायटी और प्राइवेट नर्सिंग सोसायटी के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह निर्देश दिये गये। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस की प्रभावी स्क्रीनिंग एवं उपचार सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए निजी चिकित्सालय, इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन, मेडिकल प्रेक्टिशनर सोसायटी और प्राइवेट नर्सिंग सासायटाज का सहयोग आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि निजी चिकित्सालयों में कोरोना वायरस के संक्रमण संभावित रोगियों के लिए अलग से ओपीडी संचालित करने और आवश्यक जानकारियां चिकित्सालय परिसर में प्रदर्शित करने के निर्देश दिये गये। उन्होंने बताया कि 100 से अधिक बिस्तरों वाले निजी चिकित्सालयों में आइसोलेशन वार्ड संचालित किये जाये। सिंह ने बताया कि निजी चिकित्सालयों में कोरोना वायरस के लक्षणों वाले रोगियों को उपचार सुविधा आवश्यक रूप से उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये गये हैं और निजी चिकित्सालय विशेषकर खांसी, बुखार एवं सांस लेने में तकलीफवाले रोगियों को करने के निर्देश उपचार सुविधा प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि सभी निजी चिकित्सालयों से इन लक्षणों वाले उपचार किये एवं उपचारत् रोगियों का रिकार्ड चिकित्सा विभाग को उपलब्ध करवान क निदश दिय गये हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी निजी चिकि आने वाले कोरोना वायरस संक्रमण के रोगियों का प्राथमिक उपचार किये बिना राजकीय चिकित्सालयों में रैफर नहीं कर सकेंगे।
बैठक में फोर्टिस हॉस्पिटल, ईटरनल हर्ट हॉस्पिटल, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंव चिकित्सालय, नारायणा हृदयालय एवं अन्य निजी चिकित्सालयों, इंडियन मेडिकल काउंसिल, मेडिकल प्रेक्टिशनर सोसायटी, प्राइवेट नर्सिंग सोसायटीज के पदाधिकारियों सहित एसएमएस मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण मौजूद थे।