प्रदूषण के प्रकोप से चौसला गांव के परिवार ग्रस्त
डॉ. तौहिद
सुकेत।
मोडक गांव आदित्य नगर सीमेंट फैक्ट्री के पास हिरीया खेड़ी के चौसला गांव में 125 परिवार रहते हैं। इस गांव के लोगों की जिंदगी फैक्ट्री की उड़ती धूल एवं वायु प्रदूषण से बेहाल होने लगी है। जब ग्राउंड पर जाकर सर्वे किया तो पाया कि गांव में सीमेंट फैक्ट्री से उड़ने वाली डस्ट से अधिकांश परिवार को सांस लेने में परेशानी हो रही है।
गांववासी बीमारी से ग्रस्तः गांव में 125 परिवार में तकरीबन 25 से 30 मरीज तो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं, कई ग्रामवासी ऐसी खतरनाक बीमारियों से लड़ते नजर आ रहे हैं। कई किसान व महिलाएं श्वास रोग दमा, टीबी, एलर्जी जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं।
मासूम बच्चे भी इसकी चपेट में है, इसका इंसानों पर और जानवरों पर भी प्रदूषण का कहर ढा रहा है। इस डस्ट से किसानों की फसलें भी चपेट में होने से पैदावार पर असर दिख रहा है। गांव चौसला के लोग नारकीय जीवन व्यतीत कर रहे
ग्रामीणों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं हैः ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रशासन को लिखित में अवगत करवाया गया है लेकिन किसानों का कहना है कि प्रशासन की फैक्ट्री वालों से साठगाठ होने की वजह से बीमारी का शिकार बड़े, बच्चे, महिलाएं ग्रस्त हैं। गांव का नवीन मीणा (5 साल) गंभीर बीमारी से पीड़ित है लेकिन प्रशासन की ओर से न तो यहां पॉल्यूशन विभाग की टीम को भेजा गया, न ही चिकित्सा टीम ने यहां का सर्वे कर मरीजों को संभाला है। ग्रामीणों का कहना है कि सीमेंट कम्पनी का 2011-12 में चौसला गांव के समीप एमजीयू प्लांट लगा था उससे उड़ने वाली धूल के कारण अत्यधिक वायु प्रदूषण हुआ है।
वहीं सरकार और प्रशासन को ग्रामवासियों ने कई बार पूर्व में भी लिखित रूप से अवगत कराया गया है। इस मुद्दे पर उपखण्ड अधिकारी चमनलाल मीणा से बात की तो उन्होंने बताया कि सीमेंट कम्पनी द्वारा हो रही पॉल्यूशन के लिए पॉजिशन डिपार्टमेंट के मापदंड के हिसाब से होगा।