सांचौर पीर की जाल के उर्स की तैयारी को लेकर दरगाह वक्फ कमेटी की बैठक सम्पन्न


कौमी एकता की प्रतीक दरगाह पीर की जाल 


सांचौर।


               मुख्यालय से मात्र 7 कि.मी. दूरी पर आई अल मशहूर दरगाह हजरत मख्दुम पीर डाडा अब्बनशाह रे.अ. पीर की जाल का सालाना उर्स 26 मार्च से 04 अप्रैल तक मनाया जायेगा। 28 मार्च को दरगाह शरीफ पर रात्रि में संदल की रस्म अदा की जायेगी। गुरूवार 26 मार्च को फजर की नमाज के बाद मदरसा दारूल उलुम फैजे सरवरी के तुल्लबाओं द्वारा दरगाह शरीफ में कुरआनख्वानी होगी।


               उसके बाद दरगाह के मैन दरवाजे पर झण्डा (नेजा) की रस्म व चादर चढ़ाकर उसे का शुभारम्भ होगा। इस उर्स में देश के कोनेकोने से सैकड़ों जायरीन दरगाह पर जियारत करने आते हैं उर्स की सम्पूर्ण तैयारीयां दरगाह वक्फ कमेटी द्वारा की जा रही है। उर्स में दोनों टाइम लंगर का इन्तजाम किया गया है। लाईट, पानी, चिकित्सा आदि का इन्तजाम किया जा रहा है। इस उर्स में झूला, मौत का कुआ, मिठाई, खिलौना, मनीहारी आदि की करीब 300 दुकानें लगती है।


उर्स के दौरान रात्रि में ईशा की नमाज के बाद रोज उलमाऐ किराम के बयानात होंगे। राजस्थान व गुजरात के मशहूरों मारूफ कव्वालों द्वारा कव्वालियों का प्रोग्राम होगा। उर्स में महाराष्ट्र, कर्नाटक, यू.पी., राजस्थान, गुजरात सहित कई राज्यों से भारी मात्रा में जायरीन आते हैं। यह दरगाह कौमी एकता की जिन्दा मिसाल है।


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