शाहीन बाग ने बढ़ाया मदद के लिए हाथ


जयपुर।


            सीएए, एनआरसी, एनपीआर विरोधी जन-आन्दोलन की आपात बैठक में 21 मार्च को यह तय किया गया कि अपने आन्दोलन को जारी रखते हुए कोरोना वायरस के विषय में लोगों में जागरुकता लाने के भी प्रयास किये जाएंगे। साथ ही कोरोना के कारण जिन लोगों के काम धंधे बंद हो गए हैं, या जो दिहाड़ी मजदूर हैं या कोरोना वायरस के कारण बनने वाले हालात से प्रभावित हो कर उनके सामने खाने और परिवार को पालने का संकट पैदा हो गया है, उनकी आवश्यकता के अनुसार, यथा सम्भव मदद की जाएगी।


         आन्दोलन के सदस्य नईम रब्बानी ने बताया कि आज भी 40 बेघर लागों के बारे में मालूम होने पर उन्हें तुरन्त भोजन उपलब्ध कराया गया। के लिए जन-आन्दोलन की आपात बैठक के बाद आन्दोलन की महिला सदस्यों ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से भी भेंट की। आन्दोलन के घटक सभी संगठनों ने एक मत से कोराना वायरस के कारण पैदा हुई आपात स्थिति को देखते हुए फैसला किया है कि संक्रमण की रोकथाम में प्रशासन का पूर्ण सहयोग किया जाएगा।


         चूंकि कोराना वायरस एक राष्टीय आपदा है और हमारे प्रदेश में भी यह तेजी से फैल रहा है, अतः सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर के विरोध में शाहीन बाग के नाम से शहीद स्मारक पर चल रहा धरना अगली सूचना तक स्थगित रहेगा।


           संयोजक सवाई सिंह, मुहम्मद नाजिमुद्दीन, कविता श्रीवास्तव, मुफ्ती शफ़ीक़ कासमी, निशा सिद्ध, सुमित्रा वायरस के कारण लिए हाथ चोपड़ा, नईम रब्बानी, अब्दुल सलाम जोहर, मुकेश निर्वासित, राहुल चौधरी, वकार अहमद, शबीना, मैमूना नरगिस, शौकत कुरैशी, एडवोकेट मुजाहिद नकवी, मुजम्मिल रिज़वी, हारून रशीद, डा. मुहम्मद इकबाल सिद्दीकी, मुहम्मद इरफ़ान, अनवर शाह, इमामुद्दीन ठेकेदार, एडवोकेट आमिर अजीज, आदि अनेक सदस्यों उपस्थिति में यह तय किया गया कि प्रशासन का सहयोग करते हुए फिलहाल शाहीन बाग के धरने को स्थगित किया जाए, अलबत्ता आदोलन को बदस्तूर जारी रखा जाएगा और सीएए, एनआरसी, एनपीआर के बारे में मुहल्लों और गाँवों की सतह पर जागृति के कार्यक्रम चलाए जाएंगे तथा साहित्य भी वितरित किया जाएगा।


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