पलायन कर चुके प्रवासी मजदूरों के बच्चों को बिना दस्तावेज स्कूल में मिलेगा प्रवेश


             मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 14 जुलाई को कोरोना वायरस महामारी के कारण घर लौट आए प्रवासी कामगारों के बच्चों की शिक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी कर उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ऐसे बच्चों के नाम स्कूल से नहीं काटे जाएं। बता दें कि कोरोना वायरस के कारण घरों से दूर काम करन वाले प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने घर वापस आ गए हैं।


राज्यों को डाटा इकट्ठा करने का दिया गया निर्देश: मंत्रालय ने राज्यों को उन सभी बच्चों का डाटा इकट्ठा करने के लिए कहा है जो लोकल क्षेत्र को छोड़कर अन्य किसी राज्य में या उसी राज्य के किसी अन्य क्षेत्र में अपने घर चले गए हैं। इस तरह का एक डाटाबेस प्रत्येक स्कूल के द्वारा स्कूल में पढ़ रहे सभी बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों से फोन, व्हाट्सऐप, किसी जानने वाले और पड़ोसियों से संपर्क कर तैयार किया जा सकता है।


डिजिटल डाटा अपडेट करने  के लिए कहाः जिस राज्य में हर बच्चे से जुड़ा डिजिटल डाटा है वहां उनके यहां से जा चुके छात्र और उनके यहां आए छात्रों का डाटा अपडेट करने के लिए भी कहा गया है। इतना ही नहीं, जा चुके बच्चों को सारा डाटा, जहां वे गए वहां के छात्रों के साथ शेयर करने के लिए भी कहा गया है। मंत्रालय के इन दिशा-निर्देशों से इन छात्रों को पढ़ाई करने में आसानी होगी।


बिना दस्तावेज दिया जाए प्रवेश: मंत्रालय ने कहा कि बच्चों का बच्चों को बिना दस्तावेज स्कूल नाम डाटाबेस में अस्थायी रूप से अनुपलब्ध के रूप में नोट किया जाना चाहिए। जारी दिशा-निर्देश के अनुसार जहां से छात्र जा चुकें वहां के स्कूलों में उनका नाम नहीं काटा जाए और जहां वे हैं वहां के सरकारी स्कूलों में उन्हें बिना दस्तावेजों के ही प्रवेश दिया जाए। स्कूलों से कहा गया है कि बच्चों से ट्रांसफर सर्टिफिकेट या पिछली कक्षा से जुड़े कोई दस्तावेज न मांगे जाएं।


बच्चों को अच्छा माहौल देने की दी गई सलाहः प्रवासी कामगारों के घर वापस आ जाने के कारण कई स्कूलों में छात्रों की कमी आ गई है और कई स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में उनकी पढ़ाई और शैक्षणिक सत्र पर कोई असर न पड़े, इसलिए यह दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही दिशा-निर्देश में बच्चों को एक अच्छा महौल देने की सलाह भी दी गई है ताकि वे नए स्कूल और नई जगह में घुल-मिल सकें।


लाखों प्रवासी कामगारों ने किया पलायनः देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद सरकार ने 24 _मार्च को पूरे भारत में लॉकडाउन लागू कर दिया था। जिस वजह से काम-धाम और फैक्ट्रियां बंद होने के कारण लाखों की संख्या में मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया था। बड़ी संख्या में बच्चों के साथसाथ महिला और पुरुष मजदूर पैदल चलकर ही सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घर पहुंचे थे। इस दौरान हादसों_में कई मजदूरों की मौत हुई थी


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