राजनेता से जननेता


अशोक गहलोत ने समय रहते अपनी वैज्ञानिक एवं प्रबंधकीय सोच से । कोरोना की भयावता को समझा और भारत में सबसे पहले लोकडाउन की घोषणा की। उनकी पहल व प्रबन्धन की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी मुखमंत्रियों के साथ कॉन्फ्रेंस में प्रशंसा की व राजस्थान की व्यवस्था को अपनाने व उसे ध्यान में रखकर कार्य करने के निर्देश दिए। केन्द्रीय टीमों ने भी सरकार की नीति, प्रबन्धन व कुशलता की प्रशंसा की।


महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलकर जीवन की सार्थकता साबित करने वाले राजस्थान के लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनेता के रूप में अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता, मेहनत व चिंतनभरी दूर दृष्टि से अपने को सफल राजनेता साबित किया है तो गरीबों के प्रति अपनी संवेदनाओं व अपनत्व से वे राजस्थान के प्रायः हर इलाके में जननेता के रूप में साख बना चुके है। उनकी फितरत केवल नेता की नहीं आम आवाम की सेवा में समाहित है और जिनका संतोष अंतिम को आगे लाने में है। अब जो कुछ वे सरकार का नेतृत्व करते हुए कर रहे है वह साबित करता है कि गरीब की आंखों के आंसू पोंछने की उनकी जिजीविका अच्छे नतीजे दिखाएगी। अपने पूर्व मुख्यमंत्री कालों में उन्होंने उल्लेखनीय अकाल प्रन्धबन, रेल विकास, योजनाबद्ध नगर सौन्दर्याकरण, औद्योगिक विकास, रिफाइनरी, मेट्रो रेल, आमजन लाभ की योजनायें, वृद्धावस्था पेंशन, जनता सुरक्षा योजना, निःशुल्क जांच व दवा, व फ्लेगशिप योजनायें प्रारम्भ की।


                स्थानीय शासन व पंचायत राज योजनाओं को बल मिला। तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे तो सबकी आशाएं नई तरंगे लेने लगी। गहलोत ने इसको साबित भी करके दिखाया। अब जो कुछ वे सरकार का नेतृत्व करते हुए कर रहे है वह साबित करता है कि गरीब के आंस पौछने की उनकी जिजीविका अच्छे नतीजे दिखाएगी। निरोगी राजस्थान अभियान, जनता क्लिनिक, राज्य की नई कृषि विपणन नीति, किसानों की कर्ज माफी, औद्योगिक नीति, नई निवेश प्रोसाहन योजना, जैसी जनहितेषी योजनाओं प्रयोजना को लागू किया गया है। निरोगी राजस्थान अभियान में महिला स्वास्थ्य, जनसंख्या नियंत्रण, खाद्य पदार्थो मे मिलावट, बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण, सिलोकोसिस नीति, मोबाइल मेडीकल यूनिट आदि कार्य, मुख्यमंत्री की प्रधानता में गठित राजस्थान स्वास्थ्य मिशन करेगा। राजस्थान निवेश प्रात्साहन योजना मुख्यमंत्री लघु-उद्योग प्रोत्साहन योजना, सौर-उर्जा नीति और पवन व हाईब्रिज उर्जा नीति को प्रारम्भ किया जा चुका है। रिक्त स्थानों से भर्ती के साथ कौशल विकास पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। कर्ज माफी योजना से अब तक लगभग 20 लाख किसानों का लाभ मिल चुका है।


                   एक हजार करोड़ का किसान कल्याण कोष गठित करने के साथ, बिजली, पानी की सुगम रेगूलर योजनाएं, कला एवं संस्कृति, पर्यटन विकास योजनाओं को राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। गहलोत में आम जनता को ऐसा नेता दिखायी देता है जो किसी प्रकार के जाति, वर्ग, धर्म के भेदभाव से परे है, और निष्पक्षता के साथ ईमानदारी व सच का समर्थन करते है। गहलोत ने राष्ट्रपिता गांधीजी के विचार केवल जुबान से नहीं दिल से अपनायें है। अशोक गहलोत ने समय रहते अपनी वैज्ञानिक एवं प्रबंधकीय सोच से कोरोना की भयावता को समझा और भारत में सबसे पहले लोकडाउन की घोषणा की। उनकी पहल व प्रबन्धन की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी मुखमंत्रियों के साथ कॉन्फ्रेंस में प्रशंसा की व राजस्थान की व्यवस्था को अपनाने व उसे ध्यान में रखकर कार्य करने के निर्देश दिये। केन्द्रीय टीमों ने भी सरकार की नीति, प्रबन्धन व कुशलता की प्रशंसा की। 


              मुख्यमंत्री ने तुरन्त स्टेट रूम स्थापित किया, सूचना व प्रोद्योगिक विभाग का अभिनव प्रयोग किया। मुख्यमंत्री की देखरेख में प्रशासन, पुलिस, नगर निगम के साथ बेहतरीन तालमेल बनाया, उसकी लगातार मानेटरिंग की गई व फील्ड में निर्देशनों की पालना सुनिश्चित की, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को सक्रिय व व्यवस्थाओं को चाक चौबन्द करने में 24 घन्टे जटे रहे। उच्च स्तर के अधिकारीयों के कोर ग्रुप की लगातार दैनिक समीक्षा, लगातार वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग, सभी सांसदों व विधायकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग करते रहे। मुख्यमंत्री ने लगातार जनता, प्रवासी राजस्थानियों, निजी चिकित्सक को, सेवानिवृत विशिष्ट चिकित्सकों, धर्म गुरूओं, एनजीओं, जिला अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग की उसका परिणाम भीलवाड़ा व कई अन्य जिलों के प्रयास, रोलमाडल के रूप में राष्ट्रीय स्तर तक सामने आए। राज्य के स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग, आपदा प्रबन्धन विाग, स्थानीय प्रशासन, सूचना व जनसम्पर्क विभाग, स्वयंसेवी संस्थान में समन्वयन व सदपयोग का अनूठा उदाहरण हुआ।


                     मुख्यमंत्री के आह्वाहन पर पुलिस, मेडिकल, प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारीयों का व्यवहार सराहनीय रहा। पुलिस के नवाचारों से कोरोना के विरूद्ध जंग में मदद मिली। प्रबन्धकीय नीति पूरी तरह कामयाब हुई व प्रबंधकीय कुशलता से कोरोना वायरस के फैलान को काफी हद तक रोकने में राज्य सरकार सफल हुई। प्रदेश सरकार ने कोरोना के कारण कार्मिक की मृत्यु पर 50 लाख का मुआवजा राशी परिवार को देने की घोषणा की। ग्रामों में कोरोना वायरस को रोकने का समुचित प्रबन्ध किया। 550 मेडिकल ओपीडी वैन का संचालन प्रारम्भ किया। सरकार ने खरीद कर 54 लाख लोगों को नि:शुल्क गेहूं वितरण किया। एक करोड़ 10 लाख परिवारों को दो माह के लिए दस-दस किलो गेंहू निःशुल्क दिया। सरकार ने पेंशन धारियों को 2700 करोड़ जमा कराये जिससे बुजुर्ग, दिव्यागों और विधवा पेंशन धारियों को बड़ी राहत मिली। राज्य सरकार लगातार स्क्रीनिंग, टेस्ट, जांच, इलाज, दवाओं के द्वारा कोरोना की रोक व इलाज में पूरी तरह जुटी हुई है। जागरूकता अभियान चला रही है। सरकार के सभी तरीकों से जनता को सजग किया जा रहा है। सम्भवतया प्रदेश का जागरूकता अभियान देश, विदेश में पहला व अभिनव प्रयास है। अभियान चलाकर आम लोगों को जागरूक, सावधान व सजग किया जा रहा है।


-डॉ. सत्यनारायण सिंह, आई. ए. एस. (आर.)


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