बॉम्बे हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमात के विदेशियों पर दर्ज एफआईआर रद्द की


मीडिया ने उनके रिवलाफ दुष्प्रचार किया, उन्हें बलि का बकरा बनाया 


जयपुर।


                   बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने शुक्रवार को तब्लीगी जमात के 29 विदेशी नागरिकों एवं 6 भारतीयों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी। एफआईआर में टूरिस्ट वीजा का उल्लंघन कर तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने के आरोप में दर्ज की गई थी। दो जजों की पीठ में जस्टिस टीवी नलवडे ने अपने फैसले में लिखा है कि महामारी या विपत्ति आती है, सब सरकार और मीडिया एक बलि का बकरा ढूंढने की कोशिश करती है, हालात बताते हैं कि इन विदेशियों को बलि का बकरा बनाने के लिए चुना गया था। संक्रमण के नवीनतम आंकडे बताते हैं कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ ऐसी कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए थी। कोर्ट ने कहा कि अब इसका पश्चताप करने और इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाने के लिए उचित समय है।


           कोरोना काल में देश के ज्यादातर चैनलों ने जमातियों के खिलाफ जमकर नफरत फैलाई और बहुसंख्यक समुदाय को मुसलमानों से दूरी बनाने के लिए उकसाया। कई चैनलों ने जमातियों पर अस्पताल में पेशाब करने एवं नौं को छेड़ने तक की झूठी खबरें चलाई जबकि किसी भी चैनल के पत्रकार ने ऐसी घटनाओं का असली वीडियों अदालतों में आज तक पेश नहीं किया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मीडिया के खिलाफ भी कड़ी टिप्पणी की। जून में मद्रास हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमात के विदेशियों के खिलाफ एफआईआर रद्द कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि उन्होंने पर्याप्त नुकसान उठाया है।


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