अब मथुरा में शाही मस्जिद हटाने की मांग


विवाद को तूल देने की हो सकती है कोशिश


जयपुर। अयोध्या में बाबरी मस्जिद राममंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का एकतरफा फैसला आने के बाद हिन्दूवादी संगठनों के हौसले बुलंद है। इसी कड़ी में मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग करते हुए भगवान श्रीकृष्ण विराजमान के नाम से दीवानी कोर्ट में एक केस दर्ज किया गया है जिसमें 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक मांगा गया है। यह वाद सखा रंजना अग्निहोत्री और छ: अन्य भक्तों ने दाखिल किया है। मथरा में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को भमि देने को गलत बताते हए सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में दावा पेश किया गया है। अदालत में दाखिल मामले में कहा गया है कि मुसलमानों की मदद से शाही ईदगाह टस्ट ने श्रीकष्ण से सम्बंधित जन्मभूमि पर कब्जा कर लिया और ईश्वर के स्थान पर एक ढाचे का निर्माण कर दिया। अयोध्या में बाबरी मस्जिद राममंदिर का मामला कोर्ट के आदेश से शांतिपूर्वक सुलझ जाने के कारण कट्टर हिन्दूवादी संगठनों और इस मुद्दे को चुनावों में भुनाने वालों को कोई खास लाभ नहीं हुआ है। उनको लाभ जब होता तब देश का मुसलमान सड़कों पर उतरकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करता। मुसलमानों की समझदारी ने ऐसे संगठनों की राजनीति एवं व्यवसाय दोनों छीन लिए। अब यह संगठन फिर से कोई राष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक मुद्दा खड़ा करना चाहते हैं। 2024 के आम चुनाव के लिए भी कोई बड़ा धार्मिक मुद्दा नहीं बचा है। ऊपर से कोरोना, युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी, घटती जीडीपी, किसान एवं श्रमिक विरोधी विधायकों ने केन्द्र सरकार के हाथपैर फुला दिए हैं। जनता में हर वर्ग नाराज दिखाई दे रहा है। सरकारी संगठनों को एक-एक करके बड़ी कम्पनियों को बेचा जा रहा है। विदेश नीति पहले से ही असफल नजर आ रही है। छोटे-छोटे पड़ौसी देश आंखें दिखा रहे हैं। ऐसी स्थिति में देश की जनता में बंटवारा करके विरोध से बचा जा सकता है। इसलिए पूरी संभावना है कि मथुरा धार्मिक स्थल विवाद को आगे बढ़ाया जाएगा और समुदाय के आधार पर लड़ाने की योजना पर काम किया जाएगा। अब जनता के ऊपर है कि ऐसी चालें वह कैसे समझेंगी।


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