नरेंद्र मोदी को शेर शाह सूरी से सबक लेना चाहिए
देश के प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी ने 2014 चुनाव से पहले कहा था के आप सिर्फ मुझे 5 साल का मौका दे फिर देखे में किस तरह आप सब की समस्या खत्म कर दूंगा। और भारत को विकास के राह पर ला दूंगा। जनता ने फिर से मौका दिया। लेकिन अब देश के हालत, जीडीपी, निजीकरण से गर्त में जाते जा रहे है। यही भाजपा अब कहने लगी है के पांच या दस साल में कुछ नहीं होता हमें 15 साल का समय चाहिए तभी आप से किया गया वादा पूरा हो सकता है।
आइये आप को इतिहास में ले चलते है। शेरशाह सूरी जिस का असल नाम फरीद खान था उसने भारत पर (1540-1545) तक हुकूमत की और इस पांच साल में भी सिर्फ एक महीने ही राजधानी में बैठा और लगातार युद्ध में व्यस्त रहा कभी बंगाल, मालवा, सिंध, कभी राजपुताना, मुगल आदि से युद्ध करता रहा लेकिन इस अफरा तफरी में भी उसने भारत में जो काम किया उसकी मिसाल नहीं मिलती है। ये पहला शासक था जिसने अपने हुकूमत और जिलों में विभाजित किया उसने अपनी हुकूमत 47 जिलों में बांटी थी और उनको सरकार कहा जाता था और आज भी सरकार इस्तेमाल होता है। उस ने तहसीलों को देहातो में सबक लेना बांटा और चौकीदार, पटवारी, नम्बरदार बादशाह की तरफ से नियुक्त होते थे और आज भी ये ओहदा पाए जाते हैं। उसने देहात और गांव को एक अलग मान्यता दी और उनको अपनी अलग पहचान दी। ये हिंदुस्तान का पहला बादशाह था जिसने जमीन को बीघाओं में बांटा और हर बीघे के लिए अलग खसरा नंबर बनवाया। इसने जागीरदारी प्रथा को खत्म करने की कोशिश की। शेर शाह ने डिप्टी कमिश्नर का ओहदा बनाया। उसके अलावा जज, सिविल जज और चीफ जस्टिस का ओहदा बनाया! शेर शाह पहला बादशाह था जिसने केंद्रीय आर्मी का रूप रेखा दी और उसने फ़ौज के लिए पे स्केल तय किए। शेर शाह ने रुपयों को सोलह आनो, दो अठन्नियों, चार चवन्नियों में बांटा। ये भारत का पहला बादशाह था जिसने वित्त विभाग, रक्षा विभाग और विदेश मंत्रालय बनाया। शेर शाह ने डाक व्यवस्था की शुरुआत की। इसने सेक्रेट्रिएट के स्वरुप दिया, इसने चीफ जस्टिस, सेशन और सिविल जजों के पद की शुरुआत की। शेर शाह शायद दुनिआ का पहला बादशाह था जिस का मानना था राज्य का गवर्नर सिविलियन होना चाहिए ये पहला बादशाह था जिसने व्यापार को चाहिए एणा हुकूमत का बुनियाद बताया और विदेशी व्यापारियों को पूरी सुरक्षा प्राप्त कराया। उस का मानना था के जब तक अर्थव्यवस्था अच्छी नहीं होगी तो हुकूमत भी अच्छी नहीं हो पाएगी।
शेर शाह का नाम पूरी दुनिया में जिसके लिए प्रसिद्ध है वह है परिवहन। उसने पांच बरसों में चार बड़ी सड़कें बनवाई। पहली सड़क आगरा - दिल्ली - लाहोर इस को जी.टी. रोड भी कहते है। दूसरी सड़क आगरा -बनारस, तीसरी सड़क आगरा-जोधपुर - चित्तोड़ और चौथी सड़क लाहोर -मुल्तान। उसने इन सड़कों के किनारे पेड़ लगववाए, हर दो कोस पर सराय बनवाए, कुंवे खुदवाए औए डाक खाने बनाए। ये पहला और आखरी बादशाह था अगर कोई व्यापारी लुट जाता था तो वहा की हुकूमत बर्खास्त कर दी जाती थी। शेर शाह की 5 साल की हुकूमत मुगलों के 400 साल की हुकूमत से अच्छी थी। कहने का मकसद है कि अगर किसी भी हुकूमत में लगन और जज्बा है तो कम वक़त में भी काम कर सकता है इस को शेर शाह ने साबित भी किया। मगर अफ़सोस के आज के दौर के लोग सिर्फ सत्ता के लालची है और सिर्फ सत्ता पर कब्जा करना चाहते है। कांग्रेस या भाजपा सिर्फ जनता को बेवकूफ बना रही है