इमाम चौक फिर से बना सटोरियों का अड्डा

 


                                  चौमूं। इमाम चौक में इन दिनों फिर से सट्टे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है पिछले कुछ दिनों से पुलिस की धरपकड़ से स्टोरी न जाने कौन से बिल में छुप गए थे लेकिन जैसे ही सट्टे का किंग बाहर निकला तब सही सट्टा बाजार इमाम चौक में खुलेआम होने लगा। अब पुलिस की कार्रवाई भी धीमी पड़ गई। इसलिए सटोरियों ने फिर से इमाम चौक में पैर पसारना शुरू कर दिया है। सटोरियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वह किसी से भी नहीं भयभीत होते इमाम चौक में चारों ओर सट्टे की दुकानें लगी हुई है। वहीं थोड़ी दूर पर आनंद हॉस्पिटल के सामने सट्टा लगाने वालों का जमावड़ा दिनभर रहता है। हमें तो बस इन सटोरियों से इतना ही डर है कि कहीं इन सटोरियों के चक्कर में कस्बे का अमन चैन खतरे में न पड़ जाए। क्योंकि सट्टे में आए दिन लड़ाई झगड़ा फसाद तरह- तरह के होते रहते हैं। सटोरियों की वजह से राहगीरों का भी निकलना मुश्किल हो रहा है सट्टे की पर्ची लगाने वाले दारू में धुत रहते हैं। महिलाएं और बच्चे उनसे डर कर भाग निकलते हैं स्थानीय वार्ड वासी भी इन सटोरियों से मिले हुए हैं।


                   इन सटोरियों से सभी डरते हैं छोटे-छोटे टुकड़ों में स्टोरी चारों ओर इमाम चौक में झंड बनाकर बैठे  हैं। अब पुलिस को एक बार फिर इनके खिलाफ सख्त कदम उठाने पड़ेंगे नहीं तो फिर पूरे वार्ड को यह सटोरी अपनी गिरफ्त में ले लेंगे। फिर एक बार वही वार्ड का बुरा हाल होगा। सट्टा चलाने वाला शख्स मासूम बच्चों को 400-500 का लालच देकर उनसे पर्ची लिखवाता है और उनको डरा धमका कर कारोबार करवाता है। इमाम चौक के मासूम बच्चे इस लालच में जर्म के दलदल में फसते जा रहे हैं। क्योंकि यह स्टोरी इन बच्चों को इतना मोटा लालच देते हैं जिससे यह पूरी तरह इनके चंगुल में फंसते नजर आते हैं।


                अगर वक्त रहते इन सटोरियों के खिलाफ मिलकर वार्ड वासियों ने पुलिस को सूचना नहीं दी तो घर के घर बर्बाद हो जाएंगे और पुलिस को इन सटोरियों को आनन-फानन में तुरंत गिरफ्तार करके सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि फिर कोई सटोरी इमाम चौक में सट्टे का कारोबार नहीं चला सके। कभी-कभी तो इन सटोरियों के चक्कर में सांप्रदायिक तनाव भी उत्पन्न हो जाता है जब कभी इन सटोरियों को कोई समझाने बुजुर्ग जाता है तो उसी बुजुर्ग को यह भला बुरा कह कर भगा देते हैं और डराते हैंइसलिए इनके खिलाफ कोई स्थानीय निवासी पुलिस थाने में रिपोर्ट करवाने नहीं जाता है।


Popular posts from this blog

इस्लामिक तारीख़ के नायक : पहले खलीफा हज़रत अबू बकर सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु

दुआ के कबूल होने का वक्त और जगह

तिजारत में बरकत है