राज्य में फिर से लॉकडाउन की आहट


                    राजस्थान प्रदेश में शनिवार को रिकॉर्ड 2045 नए संक्रमित मिले जबकि 14 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई। जयपुर में सर्वाधिक 415 और जोधपुर में 335 कोरोना संक्रमित मिले। प्रदेश में अब संक्रमितों की कुल संख्या 126775 और मृतकों की संख्या 1426 हो गई है। वहीं प्रदेश में जांच नमूनों की संख्या 30 लाख को पार कर गई है। बढ़ते कोरोना महामारी मरीजों के कारण प्रदेश के अस्पतालों में बेड ऑक्सीजन एवं वेन्टीलेटर की साफ कमी दिखाई देने लगी है। कोरोना के गंभीर मरीज इलाज नहीं होने के कारण मौत के मुंह में जा रहे हैं। जैसे जैसे नमूनों की संख्या बढ़ाई जा रही है उसी अनुपात में कोरोना मरीजों की पहचान हो रही है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण आम लोगों में फिर से दहशत बढ़ती जा रही है। चिकित्सा कर्मी एवं डॉक्टर डर के कारण कोरोना मरीजों का पर्याप्त इलाज नहीं दे पा रहे हैं। यही कारण है कि कोरोना के अलावा अन्य बीमारी जैसे हर्ट, किडनी, डायबिटीज की बीमारियों से ग्रसित लोगों को खतरा पैदा करने के बावजूद कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।


                         अब सरकार प्रदेश में फिर से लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। लॉकडाउन से संक्रमण रोकने में कितनी मदद मिलेगी यह तो सरकार ही बता सकती है, लेकिन सप्ताह में लॉकडाउन एक-दो दिन का लागू हो सकता है। लॉकडाउन के बजाय सरकार कोरोना या अन्म बीमारी के मरीजों के उपयुक्त इलाज की व्यवस्था करे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। क्योंकि कई जाने माने डॉक्टर एवं मेडीकल विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना कोई बीमारी नहीं है। कोरोना बीमारी के कारण दसरी बीमारी के मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। यही कारण है कि कोरोना संक्रमण के नाम पर दूसरी बीमारियों के कारण हो रही मौतों को कोरोना से होना बताया जा रहा है। कोरोना का डर ऐसा है कि लोग अस्पतालों में इलाज करवाने आने से कतरा रहे हैं।


                 कोरोना की आड़ में नीम हकीम या गली मोहल्लों में छोटे-छोटे क्लीनिक मरीजों को दोनों हाथों से लूट रहे हैं। इन क्लीनिकों पर मरीजों की लम्बी लम्बी लाइनें देखने को मिल जाती है। सरकार और अधिकारी ए.सी. ऑफिसों में बैठकर रोजाना कोरोना नियंत्रण की योजना बनाते हैं और विभाग का मंत्री आए दिन घोषणा करते रहते हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का कोरोना या अन्य बीमारी के ग्रसित मरीजों को कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है। सरकार बढ़-चढ़कर जो दावे कर रही है, यदि उनका 50 प्रतिशत भी धरातल पर काम नजर आ जाए तो सरकार सफल हो सकती है। यदि सरकार केवल घोषणाएं करती रही और कागजों में खानापूर्ति करती रही तो जनता को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। इसलिए राजस्थान सरकार और उसका मेडीकल विभाग जो भी काम करे धरातल पर करे और जनता को फायदे पहुंचाए।


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