जी-20 में बोले पीएम मोदी कोरोना वायरस सबसे बड़ी चुनौती


  


 
  नई दिल्ली (एजेंसी)।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित किए। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा है कि हमारा ध्यान महामारी से नागरिकों और अर्थव्यवस्था को बचाने पर, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है। ग्रह को सुरक्षित रखने पर जी20 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से जंग अलग-थलग होकर नहीं, बल्कि एकीकृत व समग्र रूप से लड़ी जानी चाहिए।

     पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कम कार्बन और जलवायु अनुकूल विकास प्रक्रियाओं को अपनाया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने एलईडी लाइट को लोकप्रिय बनाया जिससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को 38 मिलियन टन प्रति वर्ष तक कम किया गया है। हमने उज्ज्वला योजना के माध्यम से 8 करोड़ से अधिक घरों को धुआं मुक्त रसोई प्रदान की है।

     पीएम मोदी ने कहा कि भारत न पहले सिर्फ पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा  कर रहा है बल्कि उनसे आगे बढ़ रहा  है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा यूरोपीय लक्ष्य 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर अनउपजाऊ जमीन को फिर से उपयोग में लाना है, हम पुनर्सर्जक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पूरा विश्व तभी तेज गति से प्रगति कर सकता है जब विकासशील देशों को बड़े पैमाने पर तकनीक और वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाए।

     प्रधानमंत्री ने कहा, मानवता की समृद्धि के लिए हर एक को समृद्ध होना पड़ेगा। श्रम को सिर्फ उत्पादन से जोड़कर देखने की अपेक्षा हर श्रमिक की मानव गरिमा पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि ऐसे रुख से ही पृथ्वी का संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा। सऊदी अरब द्वारा आयोजित दो दिवसीय 15वें जी-20 शिखर सम्मेलन में मोदी ने पहले दिन भी शिरकत की थी। इस शिखर सम्मेलन में 19 सदस्य राष्टों से संबंधित शासनाध्यक्षों व राष्ट्राध्यक्षों, यूरोपीय संघ, अन्य आमंत्रित देशों और अंतर्राष्टीय संगठनों ने हिस्सा लिया। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह शिखर सम्मेलन डिजिटल माध्यम से संचालित किया गया

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