बिहार चनावों के परिणाम सेक्यूलर दलों के लिए चेतावनी
जयपुर। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के चेयरमैन ओ एम ए सलाम ने अपने एक बयान में 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों के परिणामों को देश की मुख्यधारा की सेक्युलर पार्टियों के लिए चेतावनी करार दिया है। बिहार चुनावों के परिणामों ने एक बार फिर यह साबित किया है कि किस तरह से कांग्रेस जैसी बड़ी सेक्युलर पार्टियां एक अलग परिणाम की उम्मीद में लगातार वही गलतियां दोहरा रही हैं। पार्टी ने यह साबित कर दिया है कि वह बीजेपी की मुस्लिम एवं जनविरोधी फासीवादी राजनीति का विकल्प नहीं हो सकती। उनके चुनावी अभियान में मुसलमानों की गंभीर समस्याओं, सीएए, एनआरसी और मुस्लिम राजनीतिक प्रतिनिधित्व आदि जैसे मुद्दों पर बात भी के लिए चेतावनी नहीं की गई। मुस्लिम वोट की कद्र न करके, कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय स्तर की पार्टियां संघ परिवार के ध्रुवीकरण के राजनीतिक अभियानों के खिलाफ एक मजबूत सेक्युलर माहौल तैयार करने में जनता का दिल न जीत सकीं। बल्कि लिया इसके बजाय वे बीजेपी के हिंदू वोट बैंक को रिझाने के लिए सॉफ्ट हिंदुत्व राजनीति करती हुई नजर आईं। इन पार्टियों को अब निश्चित रूप से अपना जायजा लेने की बड़ी आवश्यकता है। बिना ऐसा करने के बजाय, परिणाम आने पर ये अपनी नाकामियों का आरोप अल्पसंख्यक पार्टियों पर रखने में बड़ी जल्दबाजी दिखाती हैं।
यह बड़ी आशाजनक बात है कि मुस्लिम चुनावी प्रतिक्रिया ने एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रदर्शन किया है। चेतावनी एमआईएम को मिली 5 सीटें उन पार्टियों को खुला संदेश दे रही हैं, जिन्होंने मुसलमानों के वोट बैंक को अपनी जागीर समझने की रिवायत बना रखी है। मुसलमानों के वोट को अब यूं ही नहीं लिया जा सकता, बल्कि अब उसे उन्हें कुछ देकर ही हासिल करना पड़ेगा। मुस्लिम समुदाय अब यह कह रहा है कि उन्हें कोई महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व या मुस्लिम पार्टियों को कोई मौका दिए बिना उनका वोट हासिल करना अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पॉपुलर फ्रंट यह स्पष्ट करना चाहता है कि यह परिणाम सेक्युलर दलों के लिए चेतावनी है। अगर सेक्युलर पार्टियां इससे सबक़ लेती हैं, तो निश्चित रूप से भविष्य में एक सेक्युलर भारत का सपना देखा जा सकता है।