मौलाना आज़ाद हमारे आदर्श - मोहम्मद अतीक
132वीं जयन्ती के अन्तर्गत राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का हुआ आयोजन
जोधपुर। मौलाना आजाद भारत-पाक बंटवारे के कभी भी पक्षधर नहीं रहे। देश की आजादी में उनका बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा। हिन्दू-मुस्लिम कौमी एकता के लिए वे हमेशा संघर्षरत रहे। वे हमारे आदर्श है हमें उनके जीवन से हमेशा सीख लेनी चाहिए। ये कहना है मारवाड मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के सीईओ मोहम्मद अतीक का। वे देश के प्रथम शिक्षामंत्री रहे मौलाना आजाद की 132वीं जयन्ति के उपलक्ष में आयोजित 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर बतौर मुख्य वक्ता अपना उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने बताया कि मौलाना आजाद का देश की आधारभूत व तकनीकी शिक्षा के उत्थान में अविस्मरणीय योगदान है।
मौलाना आजाद ने ही देश को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परीषद, खड़गपुर उच्च शिक्षा संस्थान, विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग, माध्यमिक शिक्षा आयोग, संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी आदि दी। अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी सहित कई शैक्षिक व सांस्कृतिक संस्थानों की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही। साइन्स, परमाणु शक्ति, कृषि, मेडिकल एज्यूकेशन, सोशल साइन्स, कल्चरल रिलेशन, इन्टरनेशनल स्टडीज आदि क्षेत्रों में भी उन्होंने सराहनीय कार्य किए। सोसायटी के दीनयात प्रभारी मौलाना शाहिद हुसैन नदवी ने मौलाना आजाद के जीवन एवं उनकी सेवाओं के सन्दर्भ में विस्तार से रोशनी डाली।
मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अमीन ने भी मौलाना आजाद के बाल जीवन के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। इस मौके पर मौलाना अबुल कलाम आजाद की जिन्दगी पर लिखी पुस्तक 'मौलाना आजाद हयात व खिदमात' का भी वितरण किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग व सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए इस कार्यक्रम में मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अनवर अली खान, सोसायटी के महासचिव निसार अहमद खिलजी, फिरोज खान मेमोरियल गर्ल्स सीनियर सैकेण्डरी स्कूल की प्रिन्सीपल शमीम शेख, मदरसा क्रिसेन्ट पब्लिक सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के प्रिन्सीपल अजीमुश्शान, मदरसा मौलाना आजाद अपर प्राइमरी स्कूल की प्रिन्सीपल फरजाना चैहान, यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रेहाना बेगम, उम्मेकुलसुम सहित कई शिक्षकगण मौजूद रहे। पूर्व में छात्रा उजमा ने तिलावत कुरान पेश किया व अंत में आभार प्रिन्सीपल अजीमुश्शान ने ज्ञापित किया।