सुल्ताना बानो ने फिर लहराया परचम
- प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर चयन
- एम्स में भी नर्सिंग ऑफिसर पद पर हो चुका है चयन
जयपुर। 'छोरियां भी छोरों से कम ना होती' इस बात को चरितार्थ किया मुस्लिम बहुल्य बीकानेर की सुल्ताना बानो ने, जो अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय से होते हुए मात्र 21 साल की उम्र में कुछ कर गुजरने की चाह रखती है। छोटी सी उम्र में सुल्ताना बानो ने पहले केंद्र सरकार की नौकरी और अब राज्य सरकार की नौकरी में अपना परचम लहरा दिया है। चौकुंटी फाटक, हुसैनी मस्जिद के पास रहने वाले एसपी ऑफिस ओएस के पद से रिटायर्ड मोहम्मद जाकिर-सादिया बानो की पुत्री सुल्ताना बानो इसी चाहत को चरितार्थ करते हुए लगभग दो महीने पहले केन्द्र सरकार द्वारा निकाली गई एम्स हॉस्पीटल में नर्सिंग ऑफिसर की भर्ती में अपना स्थान बनाया और देश व दिल्ली के सुप्रसिद्ध हॉस्पीटल एम्स में अपनी योग्यता के बल पर नर्सिंग ऑफिसर के रूप में चयनित हुई और अब स्टेट लेवल पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी राजस्थान के पद पर परीक्षा हुई थी, इसमें भी सुल्ताना ने अपनी जगह बनाई है। बता दें कि हाल ही प्रदेश में जारी हुए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के परिणाम आए हैं। इस परीक्षा में भी अव्वल स्थान हासिल कर राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित हुई है। सुल्ताना बानो ने अपने माता-पिता के साथ-साथ बीकानेर का नाम भी रोशन किया है। पढ़ने में होशियार सुल्ताना का कहना है कि वह सिविल सर्विस में जाकर देश की सेवा करना चाहती है। सुल्ताना बानो से मुस्लिम समाज के युवाओं व युवतियों को कुछ सीखने की आवश्यकता है। सुल्ताना का कहना है कि मन में अगर कुछ ठान लिया जाये ते किसी भी शिखर को छना मुश्किल नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि वह एम्स हॉस्पीटल में केंद्र सरकार के अधीन ही जॉब करेगी। एक के बाद एक सरकारी महकमों में चयन होने की खुशियां उनके घर में दस्तक देने पर रिश्तेदारों, मित्रों द्वारा उन्हें व उनके माता-पिता को बधाईयां मिल रही हैं।