मशुहर शायर जां निसार अख्तर पर दो दिवसीय सेमिनार



            जयपुर। राजस्थान उर्दू अकादमी की ओर से रविवार को जयपुर के जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में 'घर आंगन का शायर जां निसार अख्तर' पर दो दिवसीय उर्दू सेमिनार का का आगाज हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत व सदारत मशहूर शायर शीन काफ निजाम, हरिदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी के कुलपति ओम थानवी, इलाहाबाद के प्रोफेसर अली अहमद फातमी और ऑल इंडिया दीनी मदारिस बोर्ड के वाइस प्रेसिडेंट हसन महमूद कासमी ने की। कार्यक्रम में मशहूर शायर शीन काफ निजाम ने बताया कि अख्तर साहब 1914 में पैदा हुए थे लेकिन उनकी अदब की हैसियत से पैदाइश 1971 में उनकी किताब 'घर आंगन' आने के बाद हुई। इस मौके पर वर्तमान में हरीदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय सहित तीन विश्वविद्यालयों के कुलपति का पदभार संभाल रहे ओम थानवी ने बताया कि सिनेमा ने उर्दू के फैलाव में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि उर्दू अदब और सिनेमा का बड़ा ही गहरा रिश्ता है। हिंदी फिल्में दरअसल हिंदी फिल्में नहीं हैं उनका नाम उर्दू फिल्में होना चाहिए क्योंकि आज के दौर में सिनेमा ने ही उर्दू को बचा रखा हैऔर इसी के वजह से यह आम लोगों तक पहुंच पाई है। ओम थानवी ने माना कि उर्दू के साथ कहीं ना कहीं सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इस मौके पर शमीम तारीख ने बोलते हुए कहा की उर्दू पूरी तरह हिंदुस्तानी जबान है और यहां की सभी ज़बानो से मिलकर बनी है केवल कुछ ही लफ्ज़ अरबी व फारसी जबान से लिए गए हैं । इस मौके पर खालिद अल्वी, शमीम तारीख, शिप्रा शर्मा सहित कई उर्दू प्रेमी मौजूद रहे। कार्यक्रम के आखिर में उर्दू अकादमी के सचिव मोअज्जम अली ने सभी मेहमानों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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